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परिवार का पेट पालने के लिए बार में किया काम, प्रचंड गरीबी के बाद भी नहीं मानी हार, आज हैं बॉलीवुड की सुपरहिट राइटर

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मुंबई. ‘आशिकी-2’, ‘आवारापन’, ‘धोखा’, ‘राज-3’, ‘मर्डर-2’ और ‘जिस्म 2’ समेत 21 से ज्यादा बॉलीवुड फिल्मों की कहानियों लिखने वाली राइटर शुगफ्ता रफीक की असल जिंदगी भी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है. शुगफ्ता रफीक बॉलीवुड की ऐसी राइटर हैं जिन्होंने अपने पैशन को फॉलो करने से पहले जिंदगी में दुखों का एक लंबा सफर तय किया है.

बचपन में परिवार का पेट पालने के लिए बार में काम किया. इसके बाद पैसों की तंगी और नौकरी के लिए दुबई में भी काम किया. लेकिन आखिरकार शुगफ्ता का जुनून और काम से मोहब्बत उन्हें मुंबई खींच लाई. आज शुगफ्ता बॉलीवुड की सबसे हिट फीमेल राइटर्स में टॉप पर गिनी जाती हैं. बॉलीवुड को दर्जन भर से ज्यादा सुपरहिट फिल्में देने वाली शुगफ्ता रफीक का जन्म 20 सितंबर 1986 को मुंबई में हुआ था.

अनाथ थीं शुगफ्ता और एक्ट्रेस ने लिया था गोद
शुगफ्ता रफीक ने एक इंटरव्यू में अपनी निजी जिंदगी का पूरा खुलासा किया था. जिसमें शुगफ्ता ने बताया था कि शुगफ्ता बॉलीवुड अभिनेत्री सईदा खान की मां द्वारा गोद लीं गईं थीं. उन्हें असली मां-बाप के बारे में कोई जानकारी नहीं है. सईदा खान 60 और 70 के दशक की मशहूर हीरोइन रहीं हैं और कई फिल्मों में काम किया. सईदा खान का जीवन किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है.

सईदा खान को उनके पति बृज सदाना ने गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था. शुगफ्ता बताती हैं कि मुझे घर में मेरी मां के अलावा मेरी बहन सईदा खान प्यार करती थीं. सईदा खान एक्टिंग कर घर का खर्चा चलातीं थीं. मैं काफी छोटी थी. लेकिन सईदा की शादी के बाद घर में खाने के लाले पड़ गए. मेरी मां घर चलाने के लिए कभी साड़ी तो कभी अन्य सामान बेचकर हमारा पेट भरती थी. कपड़े भी उतरन पहना करते थे. उस दौरान हमारी किसी ने भी मदद नहीं की.

आर्थिक तंगी ने छुड़ा दी पढ़ाई

शुगफ्ता बतातीं हैं कि आर्थिक तंगी की वजह से मैंने 7वीं में ही पढ़ाई छोड़ दी थी. साथ ही मुझे गणित समझ नहीं आती थी. लेकिन मेरे आस-पास अंग्रेजी बोलने वाले लोग थे. जिसका मुझपर असर हुआ. शुगफ्ता ने बताया कि उन्होंने अपनी अंग्रेजी ठीक करने का फैसला लिया और घर के पास की लाइब्रेरी में जाकर किताबें पढ़ने लगीं. यहीं से शुगफ्ता को पढ़ने का शौक लगा और उन्होंने अंग्रेजी सुधार ली. मैं एक राइटर बनना चाहती थी. लेकिन कोई मुझे लेखनी के लिए मौका नहीं देता था. हालांकि मुझे डांस के लिए ऑफर आने लगे थे. इसके बाद शुगफ्ता के दोस्त ने उन्हें दुबई में नौकरी करने की सलाह दी. शुगफ्ता दुबई चलीं गईं और उन्होंने यहां बीयर बार में डांसर के तौर पर काम किया. इसके बाद गाने की दुनिया में आ गईं.

मुंबई आकर बन गईं स्टार राइटर
हालांकि यहां से शुगफ्ता रफीक ने बॉलीवुड में अपना करियर बनाने का फैसला लिया और मुंबई लौट आईं. यहां आकर शुगफ्ता ने फिल्मों की कहानियां और डायलॉग लिखने का काम शुरू कर दिया. शुगफ्ता ने साल 2006 में ‘वो लम्हे’ से अपने करियर की शुरुआत की. लेकिन साल 2007 में शुगफ्ता ने फिल्म आवारापन की कहानी और डायलॉग लिखे. इमरान हाशमी स्टारर ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाने में सफल रही. इसके बाद शुगफ्ता का करियर भी चल निकला. आज शुगफ्ता बॉलीवुड की सबसे सुपरहिट राइटर्स में गिनी जाती हैं और अब तक 21 से ज्यादा फिल्मों की कहानियां-डायलॉग लिख चुकी हैं.

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