लोकसभा चुनाव 2024 के आखिरी चरण के लिए 1 जून को मतदान होना है , इसमे पंजाब की सभी सीटों पर भी 1 जून को वोटिंग होनी है। यहां की फरीदकोट सीट चर्चाओं में है , यहां से चुनांव लड़ रहे सरबजीत सिंह खालसा भी एक प्रत्याशी है जो इन्दिरा गांधी के हत्यारे बेअंत सिंह के बेटे है , उनके बेटे ग्रन्थ साहेब की बेअदबी पर चुनांव लड़ रहे है ।
पंजाब केफरीदकोट सीट से निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे सरबजीत सिंह पहले भी चर्चा में रहे हैं। फ़रीदकोट 2015 में हुई गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी वाले कांड का केंद्र था, जो कि जिले के बरगारी गांव में हुआ था। सरबजीत ने चुनाव लड़ने को लेकर कहा कि मैंने फरीदकोट से चुनाव लड़ने का फैसला किया क्योंकि मैं 2015 के गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी का मुद्दा उठाना चाहता हूं…
फरीदकोट और मोगा में मिले समर्थन को देखते हुए निर्दलीय होने के बावजूद सरबजीत को दौड़ से बाहर नहीं समझा जा सकता है। वहीं सरबजीत का कहना है कि मुझे पता है कि लोकप्रिय गायक और अभिनेता मेरे खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि, लोग मेरे परिवार और मुझे 1984 से जानते हैं और सिख समुदाय में एक शहीद का स्थान किसी सेलिब्रिटी से कहीं अधिक ऊंचा है। किसान यूनियनें भी मुझे समर्थन दे रही हैं। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी के दूसरे हत्यारे सतवंत सिंह का परिवार भी उनके लिए प्रचार कर रहा है।
गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी का के दौरान पंजाब में शिरोमणि अकाली दल की सरकार थी। इस मुद्दे पर सत्ताधारी दल काफी रक्षात्मक रुख अपना रही थी। पार्टी के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने पिछले साल दिसंबर में अपने कार्यकाल के दौरान दोषियों को गिरफ्तार करने में विफल रहने के लिए सार्वजनिक रूप से माफ़ी भी मांगी थी।
फरीदकोट की सीट पर आम आदमी पार्टी ने एक्टर और सिंगर करमजीत अनमोल को उतारा है, तो वहीं बीजेपी ने सीटिंग सांसद हंस राज हंस को दिल्ली से लाकर यहां से चुनाव लड़वाया है। इस सीट पर कांग्रेस नेता मोहम्मद सादिक सांसद है जिनका इस बार कांग्रेस ने टिकट काट कर पूर्व सरकारी स्कूल शिक्षिका अमरजीत कौर साहोके को टिकट दिया है और अकाली दल ने तीन बार विधायक रह चुके शीतल सिंह के बेटे और व्यवसायी राजविंदर सिंह को मैदान में उतारा है।