सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल पद पर कार्यरत रामकृष्ण महरिया ने राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग रखी है , प्रिंसिपल ने जांच के नाम पर प्रताड़ित करने के आरोप लगाए है ।
मिली जानकारी के अनुसार करीब दो साल पहले से रामकृष्ण महरिया का उसी स्कूल में कार्यरत एक महिला शिक्षिका से अवकाश स्वीकृत करने के मामले पर विवाद चल रहा था विवाद में दोनों तरफ से शिकायतें थाने तक भी पहुंची , पिछले दिनों रामकृष्ण महरिया ने डीईओ मुख्यालय सुभाष ढाका, सीबीईओ महेंद्र जाखड़ और शिक्षिका के खिलाफ जातिगत दुर्भावना से प्रताड़ित करने जैसे आरोप लगाते हुए थाने में मामला दर्ज करवाया था. जिसके खिलाफ महिला शिक्षिका ने भी प्रिंसिपल रामकृष्ण महरिया, एडीईओ रवींद्र कृष्णियां, समसा एपीसी कमलेश तेतरवाल, अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी महेंद्र धायल आदि के खिलाफ प्रताड़ित करने का मामला दर्ज कराया ।
दोनों तरफ से दर्ज हुए मामले के बाद बीकानेर शिक्षा निदेशालय ने भी इस मामले की जांच शुरू की. दो दिन से शिक्षा निदेशालय बीकानेर से संयुक्त निदेशक प्रशिक्षण ब्रह्मानंद महर्षि के नेतृत्व में टीम झुंझुनूं आई हुई है. इस संदर्भ में टीम जांच कर रही है ,रामकृष्ण महरिया का आरोप है कि पहले दिन भी टीम ने उन्हें प्रताड़ित किया और परेशान किया. रात 12 बजे तक उनसे पूछताछ की गई. इसके बाद अगले दिन सुबह वापिस पहले तो उन्हें बुलाया और फिर वापिस शिक्षकों का रिकॉर्ड लाने के लिए इस्लामपुर भेजा. रास्ते में तबीयत खराब हो गई, जिससे वह अस्पताल पहुंच गए, जहां पर उन्हें भर्ती किया गया है ।
फिलहाल प्रिंसिपल साहब अस्पताल में भर्ती है जहां से उन्होंने राष्ट्रपति के नाम प्रताड़ना से दुखी होकर इच्छा मृत्यु की स्वीकृति की मांग की है ।