राजस्थान में लोकसभा चुनावों का रिजल्ट आने के बाद भी सियासी पारा अभी भी गर्म है। कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन के साथ 11 सीटों पर अपना कब्जा जमा कर बीजेपी के क्लीन स्वीप करने का सपना चूर-चूर कर दिया। ऐसे में कई ऐसे सांसद बने है जो मौजूदा समय मे विधायक थे अब उन्हें अपने विधायक पद से स्तीफा देना पड़ेगा , जिसके चलते अब यहां उपचुनाव की तैयारियां शुरू कर दी गयी है ।
राजस्थान की पांच लोकसभा सीटों पर विभिन्न विधायक सांसद चुने गए। इसके कारण विधानसभा सीटों पर विधायक का पद खाली हो गया है। इसके चलते अब फिर से राजस्थान में पांच विधानसभाओं में उपचुनाव होंगे। इनमें एक-एक आरएलपी, बाप पार्टी के और तीन कांग्रेस विधायक शामिल हैं। सियासत में कयासों का बाजार गर्म है कि पांचों विधानसभा सीटों पर अब विधायकों का कौन उत्तराधिकारी होगा?
राजस्थान में लोकसभा चुनाव के चलते कांग्रेस और आरएलपी ने अपने पांच विधायकों को चुनावी मैदान में उतारा। इस दौरान मंगलवार को आए रिजल्ट के बाद राजस्थान की देवली उनियारा, झुंझुनू, खींवसर, चौरासी (बांसवाड़ा) और दौसा विधानसभा के विधायकों ने चुनाव जीत लिया है। इसके चलते इन विधानसभा सीटों पर विधायक का पद खाली हो गया है। ऐसी स्थिति में फिर से इन विधानसभाओं पर उपचुनाव आयोजित किए जाएंगे। बता दें कि किसी भी विधानसभा सीट खाली होने के बाद 6 माह के दौरान वहां चुनाव आयोग की ओर से उपचुनाव आयोजित किए जाते हैं।
देवली उनियारा में हरीश मीणा , झुंझनु से बिजेंद्र ओला , नागौर से हनुमान बेनीवाल ,डूंगरपुर से राजकुमार रोत और दौसा से मुरारी लाल मीणा अब सांसद चुने गए है जिसके चलते अब इनकी जगह कोंन लेने वाला है इसके लिए भी राजनैतिक दलों ने सोचना शुरू कर दिया है ।