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वन मंत्री संजय शर्मा ने सरकारी गाड़ी लौटाई और सिक्योरिटी लेने से किया मना , निजी गाड़ी का कर रहे है इस्तेमाल.. जनता के बीच कोई डर नही ,इसलिए नही आवयश्कता सिक्योरिटी गार्ड की …

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जुगल किशोर गांधी

अलवर(राज.)

राजस्थान में भजनलाल सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा ने मंत्री बनने के बाद मिली सरकारी गाड़ी और पीएसओ (पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर) लेने से मना कर दिया है । वहीं क्षेत्र में पुलिस एस्कॉर्ट लेने से भी इनकार किया हैं।

मंत्री संजय शर्मा बिना किसी तामझाम के सचिवालय से लेकर विभाग के दौरे करते हैं। वे अपनी पर्सनल कार से ही सचिवालय आते जाते है। वहीं अगर उन्हें फील्ड में जाना होता है तो भी वे अपनी पर्सनल कार से ही जाते हैं। सम्भवतः यह प्रदेश में पहला मामला होगा जहां मंत्री बनते ही नेताओ के ठाठ निराले हो जाते वही संजय शर्मा ने मिली सुविधाओ को लौटाकर सादगी की एक मिसाल पेश की है अब इसके असर में अन्य मंत्रियो पर भी नैतिक दबाव बढ़ेगा ।

संजय शर्मा अलवर शहर से दूसरी बार विधायक चुने गए है। साल 2018 में जब वे पहली बार विधायक बने थे। उस दौरान भी उन्होंने गनमैन लेने से मना कर दिया था। वे प्रदेश के उन 200 चुनिंदा विधायकों में शामिल थे, जिन्होंने सुरक्षा के लिए गनमैन नहीं लिया था। साल 2018 से 2023 के कार्यकाल में 200 में से केवल 6 विधायक ऐसे थे। जिन्होंने पुलिस का गनमैन नहीं लिया था। इन विधायकों में संजय शर्मा, सिद्धि कुमारी, राजेन्द्र पारीक, ज्ञानचंद पारख, खुशवीर सिंह और भरत सिंह कुंदनपुर शामिल थे। उस समय भी संजय शर्मा ने कहा था कि हमें जनता ने चुनकर विधानसभा भेजा हैं, हमें काहे का डर? मुझे किसी तरह का कोई डर नहीं है।

सीएम भजनलाल शर्मा की कैबिनेट में अभी उनके समेत 24 मंत्री हैं। इसमें से सीएम भजनलाल शर्मा, उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी व प्रेमचंद बैरवा को अलग-अलग श्रेणियों में सुरक्षा मिली हुई हैं। वहीं कई मंत्रियों को भी अतिरिक्त सुरक्षा और एस्कॉर्ट मिली हुई हैं। इसके अलावा अन्य सभी मंत्रियों को सरकारी बंगला, गाड़ी और सुरक्षाकर्मी मिले हुए हैं। लेकिन अब मंत्री संजय शर्मा के इस कदम के बाद कई अन्य मंत्रियों पर भी इसका नैतिक दवाब देखने को मिल सकता हैं। क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हमेशा से वीवीआईपी कल्चर के खिलाफ रहे हैं। पीएम मोदी ने ही देश से लाल बत्ती का कल्चर खत्म किया था।

वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा ने मलमास खत्म होने के बाद 17 जनवरी को सचिवालय में कार्यभार ग्रहण किया था। इस दौरान संजय शर्मा ने विधि विधान से पूजा कर अपनी मां (तारा शर्मा) को सबसे पहले कुर्सी पर बिठाया और मंत्री पद संभाला था। पदभार संभालने के बाद उन्होंने कहा था कि राजस्थान के वन और पर्यावरण की सुरक्षा करना मेरी पहली प्राथमिकता है। ताकि राजस्थान के पर्यटन का विकास हो और ज्यादा से ज्यादा पर्यटक राजस्थान में आए।

 

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