अदालत ने अपने फैसले में कहा कि दोषी और पीड़िता को आमने-सामने नहीं आना चाहिए क्योंकि इससे पीड़िता को अपनी आपबीती याद आएगी जिसे वह भूलना चाहती है. तीन वर्षीय बच्ची से बलात्कार के दोषी सहीराम ने जिला स्तरीय पैरोल समिति, नागौर द्वारा उसके प्रथम पैरोल आवेदन को अस्वीकार किए जाने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का रुख किया था. वह अजमेर जेल में सज़ा काट रहा है.
FIRST PUBLISHED : March 1, 2024, 03:05 IST