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राजेन्द्र राठौड़ ने अपनी हार पर कास्वा को बताया था जिम्मेदार…

क्या चूरू में भारी पड़े है कोंग्रेस प्रत्याशी राहुल कस्वां

राजेन्द्र राठौड़ ने अपनी हार पर कास्वा को बताया था जिम्मेदार

राहुल कास्वा टिकिट कटने के बाद कोंग्रेस में हो गए थे शामिल

राजस्थान में भाजपा इस बार क्लीन स्वीप नही कर पा रही अब यह भाजपा भी मानने लगी है हालांकि भाजपा सिर्फ एक या दो सीटों के खोने की बात करती है ,सियासी गलियारों में अमित शाह के बयान के बाद हलचल तेज हो गई है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि ये दो सीटें नागौर और चूरू की हो सकती है..चलिए आज बात करते है पहले चूरू लोकसभा सीट की आखिर क्यों बिगड़ रहे है वहा भाजपा के समीकरण , जबकि पिछले दो लोकसभा चुनावों में यहां भाजपा का कब्जा रहा अब हालात बदले बदले नजर आ रहे है जानते है चूरू लोकसभा का क्या है समीकरण ….

चूरू लोकसभा क्षेत्र चूरू और हनुमान गढ़ के कुछ हिस्सों को मिलाकर 1977 में लोकसभा सीट बनाई गई ,थार मरुस्थल का द्वार कही जाने वाली चूरू लोकसभा सीट भाजपा का गढ़ मानी जाती है। 1977 से हुए 11 चुनावों में भाजपा ने पांच बार तो कांग्रेस ने केवल तीन बार यहां से जीत दर्ज की है। 1999 से यहां भाजपा ने लगातार जीत दर्ज की है। साथ ही यह भी सत्य है कि 1999 से यहां एक ही परिवार का कब्जा है।
1999 से तीन बार राम सिंह कस्वां तो पिछले दो चुनाव में उनके बेटे राहुल कस्वां ने यहां से जीत दर्ज की राहुल कासवां साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में पहली बार सांसद चुने गए। उसके बाद 2019 में उन्हें भाजपा ने फिर मौका दिया और वह फिर सांसद बने लेकिन इस बार वह भाजपा छोड़कर कोंग्रेस से चुनांव लड़ रहे है ।

दरअसल विधानसभा 2023 के चुनावों में भाजपा प्रतिपक्ष नेता राजेन्द्र राठौड़ चूरू के तारा नगर से चुनांव हार गए थे तब उन्होंने हार का जिम्मेदार भाजपा सांसद राहुल कस्वां को बताया था दोनों नेताओं के बीच खींचतान बढ़ती चली गयी उसके बाद लोकसभा चुनावों में भाजपा ने दो बार के सांसद रहे राहुल कांस्वा का टिकिट काटकर देवेंद्र झजरिया को प्रत्याशी बनाया है , जिससे खफा होकर राहुल कांस्वा कोंग्रेस में चले गए और भाजपा के सामने कोंग्रेस प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतर गए । यहां चुनावो में कांटे की टक्कर देखी जा रही है यहां तक कि फलौदी का सट्टा बाजार भी कासवां के पक्ष में बता रहा है जबकि यह तथ्यात्मक नही है फिर भी एक अनुमान के तौर पर राहुल के पक्ष में चर्चा चल रही है ।

इस लोकसभा चुनाव में भाजपा ने राजस्थान में करीब 9 वर्तमान सांसदों का टिकट काटकर नए चेहरों को मौका दिया लेकिन फिर भी कुछ सांसदो को वापस मौका मिला है। जिसको लेकर चर्चा है कि भाजपा से कुछ सीटों पर टिकट देने में चूक हुई है। राजस्थान की चूरू से कासवां का टिकिट कटने पर लोकसभा सीट काफी सुर्खियों में हैं। चर्चा है कि गलत फीडबैक के कारण चूरू में मौजूदा सांसद राहुल कस्वां का टिकट काटकर बीजेपी ने बड़ी चूक कर दी है। चूरू सीट को लेकर राहुल कस्वा कांग्रेस से चुनाव लड़े, जहां आज की तारीख में उनकी स्थिति मजबूत मानी जा रही है। इसके अलावा टोंक, बाड़मेर, जोधपुर और नागौर जैसी सीटों पर भी टिकट को लेकर सियासत में सवाल खड़े हो चुके हैं। ऐसे में बीजेपी की सीटें कम होने की एक वजह यह भी माना जा सकता है।

खैर अभी हम इंतजार करेंगे 4 जून के जब मतगणना हॉगी और परिणाम सबके सामने होंगे ,इस खबर में इतना ही …

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