पंकज उधास की वो 5 गजलें, जो सीधे दिल में उतरती हैं… एक तो 38 साल से लोगों के जुबान पर हैं
नई दिल्ली. मशहूर गजल गायक पंकज उधास (Pankaj Udhas) का सोमवार को मुंबई में निधन हो गया, जिसके बाद से इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ पड़ी है और उनके चाहने वाले सदमे में हैं. बताया जा रहा है कि वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे. गजल गायक के परिवार वालों ट्वीट कर उनके निधन की जानकारी दी.
बता दें, पंकज उधास हिंदी सिनेमा और भारतीय पॉप में अपने काम के लिए जाने जाते थे. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1980 में ‘आहट’ नामक एक गजल एल्बम के रिलीज के साथ की और बाद में 1981 में मुकरार, 1982 में तरन्नुम, 1983 में महफिल, 1984 में रॉयल अल्बर्ट हॉल में पंकज उधास लाइव, 1985 में नायाब और 1986 में आफरीन जैसी कई हिट फिल्में रिकॉर्ड की.
गजल गायक के रूप में पंकज उधास की सफलता के बाद, उन्हें महेश भट्ट की एक फिल्म, नाम में अभिनय करने और गाने के लिए आमंत्रित किया गया. उधास को 1986 की फिल्म नाम में गाने से प्रसिद्धि मिली, जिसमें उनका गाना ‘चिट्ठी आई है’ तुरंत हिट हो गया था.
फिल्म ‘नाम’ के बाद उन्होंने कई हिंदी फिल्मों के लिए पार्श्वगायन किया. दुनियाभर में एल्बम और लाइव कॉन्सर्ट ने उन्हें एक गायक के रूप में प्रसिद्धि दिलाई. 2006 में, पंकज उधास को भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया.
ये हैं उनकी टॉप-5 गजलें….
1. चिट्ठी आई है (फिल्म- नाम)
2. चांदी जैसा रंग है तेरा (फिल्म- एक ही मकसद)
3. न कजरे की धार (फिल्म- मोहरा)
4. घूंघट को मत खोल (एल्बम- घूंघट)
5. थोड़ी-थोड़ी पिया करो (एल्बम- आफरीन Volume- 2)
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Tags: Entertainment, Entertainment Special
FIRST PUBLISHED : February 26, 2024, 17:36 IST