गुजरात के राजकोट में हुए दर्दनाक अग्निकांड से दर्द और चित्कार ने सभी को दहला कर रख दिया. TRP गेमजोन की दहकती आग ने अब तक 12 बच्चों समेत 28 लोगों की जान ले ली है.शनिवार शाम करीब पांच बजे लगी आग के बाद भी सुबह तक उसमें रेस्क्यू ऑपरेशन चलता रहा । राजकोट के टीआरपी गेम जोन में भीषण आग लगने से 28 लोगों की मौत की जानकारी सामने आई है . वहीं इस अग्निकांड पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, पीएम नरेंद्र मोदी, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई राजनीतिक हस्तियों ने दुख जाहिर किया है. फिलहाल पुलिस ने बताया कि गेम जोन के मालिक और प्रबंधक को हिरासत में लिया गया और पूछताछ के लिए थाने ले जाया गया है. वहीं राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है.
आग को लेकर कई ऐसे सवाल उठ रहे हैं, जो राजकोट पुलिस, प्रशासन, नगर निगम और फायर ब्रिगेड को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं. सबसे बड़ा सवाल यह है कि प्रदेश में कई बार आग लगने की घटनाओं के बाद भी लापरवाही क्यों बरती जाती है , शहर भर में ऐसे कई गेमजोन चल रहे हैं, क्या उनकी नियमित चेकिंग की जाती है ,क्या हादसे का शिकार TRP गेमजोन को फायर ब्रिगेड से NOC मिली थी, गेम जोन के अंदर क्या फायर फाइटिंग सिस्टम लगाए गए थे या नही इन सब का जिम्मेदार आखिर कोंन है । जिनके घर परिवार के सदस्य छोटे छोटे बच्चे आग में जिंदा जल गए जो जिंदगी भर का जख्म उन्हें मिला उसे कैसे भी नही भरा जा सकता । सरकारी सिस्टम के अनुसार कुछ आर्थिक मदद दी जाएगी , जांच कमेटियां बना कर सभी गेम जॉन की जांच की जाएगी फिर कुछ दिन बाद उसी ढर्रे पर सब चलने लगेगा ।
इस अग्निकांड में 28 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है . शव पूरी तरह से जल गए हैं और उनकी पहचान करना भी मुश्किल हो रहा है. शिनाख्त के लिए डीएनए टेस्ट कराया जाएगा. मृतकों में 12 साल से कम उम्र के कम से कम चार बच्चे शामिल हैं. जिले के अधिकारियों ने बताया कि बचाव अभियान जारी होने के कारण मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है.