गुजरात उच्च न्यायालय ने ‘गेम जोन’ में आग लगने की घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए इसे प्रथम दृष्टया ‘मानव निर्मित आपदा’ बताया है। पीठ ने कहा कि ‘गेम जोन’ में पेट्रोल, फाइबर और फाइबरग्लास शीट जैसी अत्यधिक ज्वलनशील सामग्री को रखा गया था जिस वजह से इस हादसे ने कई परिवारों को तबाह कर दिया जिसमें 28 लोग जिंदा जल गए ।
दरअसल गेमिंग जोन में कथित तौर पर ईंधन, टायर, फाइबरग्लास शेड्स और थर्माकोल शीट रखे हुए थे। इन सामानों की वजह से वहां का वातावरण बेहद ज्वलनशील बन गया था। बताया जा रहा है कि आग वेल्डिंग के समय लगी। वीडियो में भी देखा जा सकता है कि हादसे के बाद वहां मौजूद लोग सामानों को हटाने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ ही देर में पूरे गेमिंग जोन में आग फैल गई। मौज-मस्ती के लिए पहुंचे लोगों ने ‘आग का तांडव’ देखा। इस हादसे में 28 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई।
जांच में यह भी सामने आया है कि ‘गेम जोन’ के पास अग्नि संबंधी अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) भी नहीं था। पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
इस अग्निकांड का एक सीसीटीवी भी सामने आया है जिसमे आग लगने के बाद कुछ लोग सामान हटाते और आग को बुझाने का प्रयास कर रहे है लेकिन थोड़ी ही देर में आग ने विकराल रूप धारण कर लिया ।