Loading...

Stvnews Online

#एजुकेशन #क्राइम न्यूज़ #देश-दुनिया #पॉलिटिक्स #मनोरंजन / लाइफस्टाइल #राजस्थान #राज्य #रियलस्टेट #वायरल विडियो #हेल्थ एंड फिटनेस

कोचिंग संस्थानों में डमी एडमिशन का बड़ा खेल ?..#virel #crime #madandilawar #cmo #spalwar #cmrajsthan

नमस्कार आज की स्पेशल स्टोरी में बात कोचिंग संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों की जिनका एडमिशन निजी स्कूलों में डमी दिखाकर उन्हें अपने कोचिंग संस्थानों भर्ती कर मोटी रकम वसूली जा रही है नियमानुसार यह एक अवैध तरीका है आज इस स्टोरी पर चर्चा करेंगे ।

अलवर जैसे शहर में नामी कोचिंग संस्थानों ने अपने सेंटर खोल दिये है जिसमे हजारो छात्र छात्राओं को पढ़ाया जा रहा है ,अलवर में मुख्य रूप से गुरूकृपा , एलन , आकाश , कॉमर्स जंक्शन और मॉड्यूल्स जैसे करीब एक दर्जन ऐसे कोचिंग संस्थान है जहां दिन भर छात्र छात्राओं की भरमार नजर आती है , आज इसी विषय पर हम बात करेंगे की जब यह सिर्फ कोचिंग संस्थान है तो यहां दिनभर छात्र पढ़ने के लिए कैसे रुक सकते है । इसके पीछे एक बड़ा खेल है जिसमे इन्होंने कोचिंग में एडमिशन लेने वाले छात्र और छात्राओं के निजी स्कूलों में डमी एडमिशन कराते है , छात्र यहां रहकर अपनी स्कूल और कोचिंग करता है जिसकी एवज में ये लोग मोटी रकम वसूल करते है । समझते है विस्तार से….

आज की इस स्पेशल स्टोरी में चर्चा शिक्षा के व्यवसायिकी करण की , आपने एक कहावत भी सुनी होगी बड़ी मछली छोटी मछली को खा जाती एसा अनेको क्षेत्रो में आपने भी देखा होगा , अब ऐसा ही कुछ शिक्षा के क्षेत्र में देखा जा रहा है जिसमे बड़े बड़े देश के कोचिंग संस्थानों ने जिला स्तर पर अपने अपने कोचिंग सेंटर खोल दिये है , इसमे क्या सही क्या गलत इस पर इस खबर में हम विस्तार से चर्चा करेंग , सबसे पहले आपको यह बता देते है इसमे एक फायदा यह है जो बच्चे इन संस्थानों में पढ़ने के लिए कोटा और जयपुर जाया करते थे उन्हें अब अपने शहर में यह सुविधा मिलने लगी है , इसमे इन संस्थानों के शहर में खुलने से विकसित शहर भी माना जाता है , बच्चो को IIT और NEET की तैयारी यही इन्ही कोचिंग्स में मिल रही है । हमे इन कोचिंग के खुलने से कोई आपत्ति नही है पर आज इस स्टोरी में जो हम बात कर रहे थे की कैसे बड़ी मछली छोटी मछली को खा जाती है ….वह बताते है आपको

आपको याद होगा आज से करीब दस से पंद्रह साल पहले हर गली और मोहल्ले में कोई न कोई अध्यापक स्कूल समय के बाद ट्यूशन पढ़ाया करते थे जिसमें अलग अलग स्कूलों के बच्चे पढ़ने आया करते थे और शहर में छोटे छोटे अनेको अध्यापकों द्वारा ट्यूशन सेंटर भी चलाये जाते थे , लेकिन तब यह सब छात्र स्कूल टाइम के बाद छात्र ट्यूशन पढ़ने जाया करते थे और अलग अलग स्कूलों के छात्र आपस मे सम्पर्क में भी आ जाते थे । धीरे धीरे शहर में बड़े बड़े कोचिंग सेंटर खुलने लगे जिससे छोटे छोटे ट्यूशन और कोचिंग सेंटर बन्द होते चले गए और इन बड़े संस्थानों ने इसे एक इंडस्ट्री के रूप में स्थापित कर अपना कब्जा बना लिया , लेकिन इसमे जो बड़ा सवाल है जो हमारी स्पेशल स्टोरी का मुख्य एजेंडा है वह की इन कोचिंग संस्थानों में स्कूल समय मे छात्र कैसे रुक कर पढ़ाई कर सकता है क्योंकि इन संस्थानों के नाम से इनका अपना कोई स्कूल अलवर में रजिस्टर्ड नही है , इनमें कई संस्थानों ने तो कई स्कूलों से टाईअप कर स्कूल अपने नाम करवा लिए है जबकि नियम यह कहता है जिस स्कूल में बच्चे ने एडमिशन लिया है उसी में वह पढ़ सकता है , इसके अलावा कोचिंग संस्थानों ने अपने छात्रों का अलग अलग निजी स्कूलों में एडमिशन करा रखा है जिसकी एवज में कोचिंग संस्थान स्कूल मालिको को प्रति छात्र फीस देते है , अधिकांश छात्रों को तो पता ही नही होता कि उनका किस स्कूल में दाखिला लिया है ,आइए कोचिंग जाने वाले कुछ छात्रों से जानते है वह किस स्कूल में पढ़ते है हालांकि कई छात्र तो यह जानते है कि उन्होंने डमी एडमिशन ले रखा है ।

यह एक इल्लीगल प्रक्रिया है , स्कूल मालिक बिना छात्रों को पढ़ाये बैठे बिठाए मोटी फीस वसूल रहे है , इसमे जो शक के दायरे में स्कूलों के नाम आते है इनमें कटीघाटी , स्कीम 8 ,दिल्ली रोड सहित 60 फिट रोड़ सहित अनेको स्कूल है जहां इन स्कूलों में अधिकारी अगर औचक निरीक्षण करेंगे तो वहां एडमिशन तो काफी संख्या में होंगे लेकिन छात्र वहां नही मिलेंगे , साथ ही छात्रों के एडमिशन के अनुपात में वहां स्टाफ भी उपलब्ध नही होगा क्योंकि जब छात्र ही सब डमी है तो स्टाफ की भी क्या आवयश्कता है , इसका नुकसान ये हुआ कि टीचर्स भी दबाव में आ गए है , अब इस तरह के चंद स्कूल तो धड़ल्ले से नियमो की धज्जियां उड़ाकर करोड़ो रु का मुनाफा कमा रहे है ,जबकि नियमानुसार छात्र की 75 प्रतिशत उपस्थिति होना अनिवार्य है वरना वह परीक्षा में नही बैठ सकता , अब एक छात्र दो दो जगह कैसे उपस्थित रह सकता है जो मुमकिन नही ।

आज अनेको ऐसे निजी स्कूल है जो आज बन्द होने के कगार पर है , अफसोस इस बात का है जिम्मेदार अधिकारी चुप बैठे है जबकि इस संदर्भ में निजी शिक्षण संस्थानों ने जिला कलक्टर को लिखित में शिकायत देकर कार्यवाही की मांग की है ,

इस संदर्भ में जब शिक्षा अधिकारी नेकीराम से बात की तो उन्होंने बताया इस संदर्भ में शिकायत मिली थी जल्द ही इस मामले में जांच कर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी ।

सवाल क्या यह सब विभागीय अधिकारियों की नजर में नही है, अगर है तो स्वयं संज्ञान लेकर इस पर कार्यवाही क्यों नही की गई , या कोई इसके पीछे भी कोई स्वार्थ है जिसके चलते देखकर भी अनदेखा किया जाता रहा हो संशय होना स्वभाविक है आखिर इस डमी एडमिशन वाले सिस्टम पर कब अंकुश लग पायेगा यह देखने की बात होगी ,

बात सिर्फ यही खत्म नही होती यह संस्थान आज सिर्फ शिक्षा विभाग के नियमो की ही धज्जियां ही नही उड़ा रहे , यहां पढ़ने छात्रों को कोचिंग संस्थान एडमिशन दिखाता है तो वह 18 प्रतिशत जीएसटी फीस पर जमा कराना होता है अब सवाल है छात्र रजिस्टर्ड कहा है स्कूल में या कोचिंग में इस मे जीएसटी चोरी का भी मामला बनता है , इसके अलावा जहा यह संस्थान संचालित है वहा अवैध रूप से सड़क पर पार्किंग बनाकर बड़ी संख्या में छात्र छात्राओं के व्हीकल्स खड़े होते है जबकि बिल्डिंग में अंडर ग्राउंड में यह व्यवस्था होनी चाहिए , इतना ही नही सड़को पर कियोस्क लगाकर अवैध तरीके से अपने विज्ञापन बोर्ड लगाकर निगम की राजस्व को भी बड़ा नुकसान पहुंचाने में पीछे नही है ।

आज की स्पेशल स्टोरी में इतना ही दीजिये इजाजत फिर मिलेंगे किसी और मुद्दे साथ तब तक दीजिये इजाजत नमस्कार , आप भी खबर के अनुसार अपनी प्रतिक्रिया भी कमेंट करके जरूर दीजिएगा साथ ही चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलिएगा और शेयर भी जरूर करे धन्यवाद

0

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page

error: Content is protected !!