राजस्थान में भाजपा ने संगठन के लिहाज से 44 जिला संगठन इकाईयां बना रखी है , ऐसे में 44 जिला अध्यक्ष संगठन के लिए काम करते है , जिला अध्यक्ष ही प्रदेशाध्यक्ष का चुनाव करते है हालांकि भाजपा में प्रदेशाध्यक्ष के नाम का ऐलान सर्व सम्मति या केंद्रीय निर्देश पर ही नाम तय होता है , प्रदेशाध्यक्ष के चुनाव से पहले अभी तक जिला अध्यक्षों की नियुक्ति या चुनाव होना है यहां तक कि भाजपा अभी तक सभी मंडल अध्यक्षों के नाम भी तय नहीं कर पाई है । फिलहाल ऐसा भी माना जा रहा है प्रदेशाध्यक्ष के चयन के लिए नियमानुसार जितने जिला अध्यक्षों का होना जरूरी है उतने ही जिला अध्यक्ष बना दिए जाएंगे यानी 44 में से करीब 23 अध्यक्ष फिलहाल तय किए जा सकते है ,उसके बाद विवादित जिलों के अध्यक्षों का चयन दूसरे चरण में किया जा सकता है ।
बताया जा रहा है प्रदेश के बड़े नेताओं ने अपने अपने क्षेत्र में दबाव बनाया हुआ है जिसके चलते जयपुर शहर ,जयपुर ग्रामीण ,अजमेर ,सीकर ,सिरोही ,भीलवाड़ा , बांरा ,झालावाड़ ,धौलपुर ,दौसा ,सवाईमाधोपुर ,बाड़मेर ,
हनुमानगढ़ , श्रीगंगानगर और उदयपुर जिले शामिल है , ऐसे अनेकों जिले है जहां दो से ज्यादा नाम है जिसके चलते सहमति नहीं बन पा रही
पार्टी ने 4 नेताओ की एक समिति बनाई है जो संभावित और जिला अध्यक्षों की नामो की सूची बना रही है इस समिति में राज्यसभा सांसद नारायण पंचारिया , राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी ,राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी शामिल है , अब यह नेता प्रत्येक जिले के दो दो नामो की सूची तैयार कर संगठन के राष्ट्रीय महामंत्री बी एल संतोष के समक्ष रखेंगे ।
भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी एल संतोष रविवार को जयपुर दौरे पर है मुख्य रूप से तो प्रदेश संगठन चुनाव को लेकर प्रमुख नेताओं से मुलाकात करेंगे साथ ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा , प्रदेश प्रभारी राधामोहन दास अग्रवाल ,प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ से मुलाकात करेंगे ।