आज की क्राइम स्टोरी में बात करेंगे एक ऐसी कहानी की जिसमे एक इंजिनियरिंग के छात्र का अपहरण हो जाता है , अपहरण फिरौती के लिए किया गया था ,परिवार दहशत में आ गया , पुलिस की मदद ली गई लेकिन डर भी था की कही कोई अनहोनी न हो जाए , छात्र को अपहरण कर्ताओं ने एक कमरे में जंजीरों से बांध रखा था , आखिर मां अपने बेटे को बचाने के लिए फिरौती की रकम लेकर बदमाशो के बताए स्थान पर निकल पड़ती है और कैसे अपहरण कर्ताओं से छूट कर छात्र सकुशल लौटा , पुलिस के ऑपरेशन चेक लेट की सफलता की पूरी कहानी ..
नमस्कार आदाब ससरियाकल मैं जुगल गांधी ,उम्मीद है आप सब सकुशल होंगे , आज जिस क्राइम स्टोरी की हम बात कर रहे है वह पुलिस के एक सफल ऑपरेशन की है , वैसे पुलिस की छवि की अगर बात करे तो पुलिस के लिए आमजन में धारणा ज्यादातर नकारात्मक ही सुनने को मिलती है लेकिन जब भी हमारे ऊपर कोई भी छोटा या बड़ा संकट होता है तो सबसे पहले पुलिस ही याद आती है , आज हम इस स्टोरी में आपको बताने वाले है की जयपुर पुलिस ने किस तरह एक छात्र को जो आठ दिन से अपहरण कर्ताओं के चंगुल में था उसे कैसे छुड़ाया ..कैसे उनके मां बाप के चेहरे पर खुशियां लौट आई ।
यह घटना जयपुर की है जब 18 अगस्त को नाहरगढ़ से बीटेक में पढ़ने वाले 21वर्षीय छात्र अनुज अचानक गायब हो जाता है उसी दिन शाम को परिजनों ने पुलिस को भी दे दी , जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ के निर्देश पर ऑपरेशन चेकमेट चलाया गया जिसका इंचार्ज जयपुर अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर कैलाश विश्नोई को बनाया गया , जिसमे डीजीपी राशि डोगरा के नेतृत्व में 50 पुलिस कर्मी लगाकर सर्च अभियान शुरू किया गया , नाहरगढ़ की पहाड़ियों में ड्रोन और डॉग स्क्वायड की मदद से छानबीन की लेकिन अनुज का कोई सुराग नहीं लगा , 20 अगस्त की शाम को अनुज के पिता शिव लहरी जो ऑटो चलाते है उनके पास अनुज के फोन से 20 लाख रु की फिरौती का फोन आया , इसकी सूचना शिवलाल ने तुरंत पुलिस को दी जिस पर पुलिस ने अनुज के नंबर की लोकेशन ट्रेस की तो वह मथुरा मिली , उसी फोन से दूसरे दिन देहरादून से कॉल आया तो तीसरे दिन पंचकूला से बदमाशो ने फिर अनुज के मोबाइल से फोन किया , बदमाशो ने फिरौती की रकम लेकर चंडीगढ़ बुलाया , अब पुलिस ने अपने ऑपरेशन चेकमेट के तहत अनुज की मां के साथ एक कांस्टेबल कृष्णपाल को धर्मभाई बनाकर उन्हें पैसे लेकर चंडीगढ़ रवाना किया , साथ ही पुलिस की अलग टीम भी रवाना की गई , चंडीगढ़ पहुंचने के बाद बदमाशो ने अनुज की मां और कृष्णपाल को शहर से 20 किलोमीटर दूर काली मंदिर में बैठाए रखा फिर रात करीब साढ़े बारह बजे कॉल कर सुबह शिमला के लिए चलने वाली टॉय ट्रेन के आखिरी डिब्बे में बैठ कर आने को कहा , इस दौरान पुलिस की टीमें भी अगले तीन स्टेशनों पर तैनात कर दी गई थी , ट्रेन के पैररल ही घाटी में पुलिस की तीन गाडियां साथ साथ पेट्रोलिंग के लिए भेजी गई , क्योंकि पुलिस कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहती थी , सुबह अनुज की मां के पास फोन आया की धर्मपुर स्टेशन पर बैग फेंकना है , अनुज की मां ममता ने पुलिस के इशारे पर चार मिनट तक बदमाशो को बातो में उलझाए रखा , ताकि लोकेशन ट्रेस हो सके , इसी दौरान धर्मपुर स्टेशन पर कान पर फोन लगाए एक बदमाश को पुलिस ने धर दबोचा
पुलिस ने उससे जब सख्ती से पूछताछ की तो वही दूसरे बदमाश की तरफ इशारा किया और बताया की अनुज को सोलन में बंधक बनाकर रखा हुआ है , पुलिस जब वहा पहुंची तो अनुज को जंजीरों से बांध रखा था साथ ही निगरानी के लिए एक बदमाश भी वही सोया हुआ था , टीम ने वहा से अनुज को छुड़ाया और बदमाश को भी गिरफ्तार किया।
जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ व एडिशनल पुलिस कमिश्नर कैलाश चंद्र बिश्नोई के सुपरविजन में चले इस गोपनीय ऑपरेशन चेकमेट में पुलिस ने एसीपी आमेर शिवरतन गोदारा और इंस्पेक्टर मनीष शर्मा की टीम ने हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में आदर्श विहार कॉलोनी में गैंग सरगना वीरेंद्र सिंह जाट सहित पांच बदमाशों को धरदबोचा ,लेकिन अभी इस कहानी में कुछ और भी बाकी है ,
दरअसल इस कांड में मुख्य साजिश का सरगना सॉफ्टवेयर इंजीनियर वीरेंद्र सिंह है जो आगरा का निवासी है इसमें शामिल उसकी प्रेमिका जमुना सरकार निवासी सोलन ,जितेंद्र भंडारी निवासी कठूमर अलवर , तथा विनोद और अमित निवासी डीग को गिरफ्तार किया गया है इस अपहरण के पीछे मुख्य आरोपियों के ऑयल मिल बिजनेस में चल रहे घाटे को पूरा करने के लिए इस वारदात को अंजाम दिया था ।
पुलिस की इस बड़ी कामयाबी के बाद अनुज को जयपुर लाने के बाद अनुज का 26 अगस्त को उसका जन्मदिन मनाया गया उसका केक काटकर अनुज को सकुशल परिजनों को सुपुर्द किया गया।