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सीतापुर (यूपी): पाल्हापुर के सामूहिक नरसंहार से उठा पर्दा..एक ही घर मे छह हत्या का मामला…

तीन दिन पूर्व उत्तरप्रदेश के सीतापुर में एक ही परिवार के 6 लोगों की मौत से हड़कंप मच गया था जिसमे शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक एक युवक ने अपनी मां, पत्नी और दो बेटियों और एक बेटे की निर्मम हत्या कर दी. आरोपी ने अपनी मां की गोली मारकर हत्या कर दी जबकि पत्नी की हथौड़े से मारकर जान ले ली उसके बाद खुद ने भी स्वयं को गोली मारकर अपनी जान दे दी , सामुहिक हत्याकांड के बाद पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गयी आखिर किस तरह उसने अपने कलेजे के टुकड़ों को मौत के घाट उतारा , परिवार सम्पन्न था लेकिन लोगो को वजह समझ नही आ रही थी आखिर ऐसा क्रूर कदम क्यों उठाया इस युवक ने ।

नमस्कार आदाब ससरियाकाल मैं जुगल गांधी आज फिर एक क्राइम स्टोरी आपके सामने है यह घटना यूपी के सीतापुर के पाल्हा पुर की है जहां दस मई को सुबह एक घर मे छह लाशें मिली जिसमे अनुराग उसकी पत्नी प्रियंका , उसकी माँ सावित्री की पहली मंजिल पर और दो बेटियों और एक बेटे की लाशें खून से लथपथ नीचे आंगन में पड़ी थी , शुरुआती जानकारी में सामने आया कि रात में पति पत्नी में विवाद हुआ उसके बाद सनकी अनुराग ने अवैध पिस्टल से पहले अपनी मां की गोली मारकर हत्या की फिर पत्नी पर हथोड़े से वार कर उसकी हत्या कर दी साथ ही अपनी दोनों बेटियों और बेटे को छत से नीचे फेंक दिया जिसमें बेटियों ने तो वही दम तोड़ दिया और 4 साल के बेटे अद्विक ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया , इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गयी थी , इस मामले में पुलिस भी मृतक द्वारा इस वारदात को अंजाम देना मान रही थी लेकिन इस घटना के पीछे रहस्य कुछ और छिपा था जैसे ही पुलिस के सामने पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई तो पुलिस के भी होश उड़ गए दरअसल हत्यारा कोई और ही था जिसने इस हत्याकांड को अंजाम दिया था । आपको बताते है सिलसिलेवार पूरी घटना

घटना दस मई 2024 की रात की बताई जा रही है जब पुलिस को सूचना मिली पाल्हापुर में एक ही परिवार के छह लोगों की हत्या हो गयी है , बताया गया कि किसान वीरेंद्र सिंह के बेटे अनुराग सिंह ने बीती रात इस हत्याकांड को अंजाम दिया है . और खुद ने भी अपने आप को गोली मारकर आत्महत्या कर ली , बात सामने आई कि मानसिक रूप से विक्षिप्त अनुराग सिंह ने अपनी मां सावित्री देवी जिसकी उम्र 62 वर्ष है , पत्नी प्रियंका सिंह जिसकी उम्र 40 , 12 वर्षीय बेटी आष्वी , बेटा अनुराग और 8 वर्षीय बेटी आरना की मौके पर ही मौत हो गई. वहीं चार वर्षीय आदविक ने इलाज के दौरान ट्रामा सेंटर में दम तोड़ दिया. घटना को अंजाम देने के बाद अनुराग सिंह ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली. सुबह घटना की सूचना मिलते ही पूरे गांव में कोहराम मच गया था म
अनुराग के पड़ोसियों के मुताबिक, अनुराग के सुसाइड के बाद वे घर के अंदर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी. गांव वालों के मुताबिक , अनुराग के घर के आंगन में उसके तीन बच्चों और छत पर पत्नी की लाश पड़ी थी. उधर, सूचना के बाद पुलिस भी घटनास्थल पर पहुंची. शुरुआती पूछताछ में पता चला कि अनुराग नशा करता था. उसके पिता की पहले ही मौत हो चुकी है. घर में अनुराग, उसकी मां, पत्नी और बच्चे रहते थे. अनुराग के नशे के कारण घर में अक्सर झगड़ा होता था.

पुलिस ने जांच के दौरान मौके से घटना में प्रयुक्त हथौड़ा व अवैध तमंचा बरामद कर लिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद भारी पुलिस बल की मौजूदगी में करीब रात 11 बजे मां सावित्री व बेटे अनुराग के शवों को एक ही चिता पर रख कर अजीत सिंह द्वारा मुखाग्नि दी गई। घटना में अन्य चार मृतक प्रियंका सिंह, आश्वी, आरना और आदविक के शवों को सीतापुर पीएम हाउस से ही मृतका प्रियंका के भाई अंकित सिंह लखनऊ लेकर चले गए थे। अंकित सिंह ने लखनऊ में ही चारों शवों का अंतिम संस्कार किया।

लेकिन इस बड़ी वारदात के पीछे कहानी कुछ और निकली हत्यारा कोई और ही था जिसने इस पूरे सामूहिक हत्याकांड को अंजाम दिया था , पुलिस अभी तक यही मान रही थी हत्यारा खुद आत्महत्या कर चुका है लेकिन जैसे ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई तो पुलिस भी हैरान रही गयी , पुलिस ने तत्काल इस मामले में फिर तहकीकात शुरू की , पुलिस के सामने जब मृतक अनुराग की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई तो उसमें एक गोली दाई कनपटी पर लगना बताया जो गले से चीरती हुई निकल गयी लेकिन अनुराग को दूसरी कनपटी पर भी एक गोली लगी जो दिमाग मे जाकर फंस गई , जिससे यह साफ हो गया कि अनुराग एक गोली लगने के बाद दूसरी गोली स्वयं खुद को मार सकता है , इसके बाद पुलिस ने आसपास से बयान लेना फिर शुरू किया ,पाल्हापुर हत्याकांड में मृतक अनुराग के भाई अजीत से क्राइम ब्रांच व पुलिस की टीम ने कई बार अलग-अलग पूछताछ की। सूत्रों की मानें तो अजीत ने पुलिस को गोलमोल जवाब दिए। आखिर में वह टूट गया।

दरअसल, जब से घटना हुई है तब से अजीत सवालों के घेरे में था लेकिन पुलिस ने गम्भीरता से नही लिया था , उसने पुलिस को अपने बयानों में गुमराह करते हुए बताया था उसकी मां ने बाहर से कुंडी लगा दी थी , संशय इसलिए भी हुआ उसका कमरे में बंद होना, फिर घर में मौजूद छह लोगों की मौत के बाद बाहर आ जाना इस पर जब क्राइम ब्रांच ने अजीत से पूछा कि घटना के समय तुम जाग रहे थे या फिर सो रहे थे। अजीत ने बताया कि वह सो रहा था। इसके बाद टीम ने पूछा कि क्या तुमने गोली चलने की आवाज सुनी तो उसने कहा कि मां ने गोली चलने की आवाज सुनी तो उससे कहा कि अनुराग सबको मार रहा है, यह बताकर बाहर से कुंडी बंद कर दी। इसके बाद अजीत ने भी अंदर से कुंडी बंद कर दी। घटना के बाद गांव वाले जब मौके पर पहुंचे तो अजीत घर के बाहर खड़ा हुआ था। इसके बाद पुलिस ने सवाल किया कि जब कुंडी बाहर से बंद थी तो तुम बाहर कैसे आए। इस पर वह बंगले झांकने लगा।

अंतिम संस्कार होने के बाद स्थानीय पुलिस पांच संदिग्ध लोगों को थाने उठा ले गई थी और अनुराग के घर को भी घेरे में ले लिया था। शनिवार सुबह 11 बजे एसओजी, क्राइम ब्रांच, स्वाट टीम के साथ ही स्थानीय पुलिस अनुराग के घर पहुंची। पुलिस ने एक-एक करके परिवारजन से पूछताछ की।

पुलिस टीम ने पहले अनुराग के चाचा आरपी सिंह से पूछताछ की। इसके बाद अनुराग के भाई अजीत सिंह और उनकी पत्नी विभा से पूछताछ की। इसके बाद पुलिस दोनों को थाने लेकर चली गई। उधर, शनिवार रात में हिरासत में लिए पांच लोगों को पुलिस ने छोड़ दिया। अजीत व विभा के हिरासत में लिए जाने के बाद उन्हें दोबारा पुलिस ने थाने बुला लिया।

घटना के दिन यानी शुक्रवार सुबह अजीत पत्नी विभा और बच्चों को अपनी जुगौर लखनऊ स्थित ससुराल छोड़कर पाल्हापुर लौट आया था। अजीत ने घटना के बाद बच्चों को इलाज के लिए ले जाने को अपनी कार देने से भी पड़ोसी को इन्कार कर दिया था। इन सबको लेकर अजीत की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। प्रियंका के भाई अंकित सिंह ने अजीत व अज्ञान पर जमीन के लिए हत्या करने का आरोप लगाया था। क्षेत्राधिकारी दिनेश शुक्ल ने बताया कि पूछताछ के लिए सात लोगों को थाने पर लाया गया है ..अभी इसमे खुलासा होना बस बाकी है तस्वीर साफ हो चुकी है ।

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