किसान आंदोलन के तेहत्वहरियाणा सीमा पर चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन में हुई पुलिस और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच झड़प में कथिततौर से मारे गये युवा किसान शुभकरण सिंह का विवाद अब और भी गहराता जा रहा है। किसान नेताओ ने कहा जब तक शुभकरण की मौत को न्याय नही मिलेगा हम उसका अंतिम संस्कार नही करेंगे ।
सरवन सिंह पंढेर ने बेहद आक्रोश में कहा कि शुभकरण सिंह की मौत के मामले में सीधे तौर पर हरियाणा पुलिस गुनहगार है और उसके खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की जानी चाहिए। “हरियाणा सरकार उन लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत मामला दर्ज करे, जो किसान शुभकरण सिंह की मौत के लिए जिम्मेदार हैं।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसान आंदोलन के दौरान दिवंगत हुए किसान शुभकरण सिंह के परिवार के लिए महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता और रोजगार सहायता की घोषणा की है ।
पिछले दौर की वार्ता के दौरान, जो 18 फरवरी की आधी रात को समाप्त हुई। उसमें तीन केंद्रीय मंत्रियों के पैनल ने किसानों से पांच फसलें मूंग दाल, उड़द दाल, अरहर दाल, मक्का और कपास पर एमएसपी देने का प्रस्ताव मान लिया था लेकिन किसानों ने इसे मंजूर नही किया ।
गौरतलब है कि किसान 13 फरवरी से फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी और कृषि ऋण माफी सहित अपनी मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए पने ट्रैक्टर-ट्रॉलियों, मिनी-वैन के साथ हरियाणा-पंजाब की अलग-अलग सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। लेकिन अभी तक सरकार से हुई वार्ताओं में कोई नतीजा नही निकल पाया है ।