दिल्ली
कांग्रेस ने अनुशासनहीनता के आरोप में शनिवार (11 फरवरी) को आचार्य प्रमोद कृष्णम को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है . कांग्रेस से निष्कासित किए जाने के बाद आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि ‘राम और राष्ट्र’ पर समझौता नहीं किया जा सकता.
कोंग्रेस का कहना है आचार्य प्रमोद कृष्णम कांग्रेस में रहते हुए पार्टी विरोधी बयान देते थे. इसके के चलते कांग्रेस ने उन पर यह कार्रवाई की है. हाल ही में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर ‘श्री कल्कि धाम’ के शिलान्यास समारोह के लिए उन्हें आमंत्रित किया था.
प्रमोद कृष्णम ने राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में कांग्रेस के शामिल न होने के हाईकमान के फैसले पर सवाल उठाए थे और अपनी ही पार्टी की आलोचना की थी. वहीं, उन्होंने लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने के भारत सरकार के फैसले समर्थन किया था. उन्होंने कहा, “लालकृष्ण आडवाणी इतने वरिष्ठ हैं, इतने बुज़ुर्ग हैं. उन्होंने देश की इतनी सेवा की है. उन्हें भारत रत्न मिल रहा है, मैं पीएम मोदी का धन्यवाद करता हूं.”
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के उस बयान पर नाराजगी जताई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि बूथ लेवल पर ऐसे आदमी को तैनात करना चाहिए, जो भौंके, आपके साथ रहे और लड़े. इस के अलावा प्रमोद कृष्णन ने श्रद्धा हत्या कांड पर अशोक गहलोत के बयान की इस तरह की घटनाएं होती रहती है वाले बयान की भी निंदा की थी ।