Loading...

Stvnews Online

#देश-दुनिया #पॉलिटिक्स #राजस्थान #राज्य #रियलस्टेट #वायरल विडियो

उदयपुर: ओम बिड़ला के लिए चुनोती बने प्रहलाद गुंजल ,हॉट सीट उदयपुर पर टिकी है देश भर की नजरें…

ओम बिड़ला के लिए चुनोती बने प्रहलाद गुंजल ,हॉट सीट उदयपुर पर टिकी है देश भर की नजरें
राजस्थान में लोकसभा सीटों में जहां है काटे की टक्कर उन सीटो पर पूरे देश की निगाहें लगी है , खासकर उन सीटो पर जहा राजनैतिक दलों के दिग्गज चुनांव लड़ रहे है , आज इस कड़ी में हम बात कर रहे है राजस्थान के कोटा की जहां भाजपा से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला चुनांव लड़े वही उनके सामने भाजपा से बागी होकर कोंग्रेस में गए प्रहलाद गजल को कोंग्रेस ने मैदान में उतार दिया , चार जून को परिणाम आने है , कोटा के परिणामो पर भी सबकी निगाहें टिकी है । दरअसल ओम बिड़ला भाजपा का आज बड़ा चेहरा माने जाते है जो लोकसभा अध्यक्ष भी है , वही प्रहलाद गुंजल पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नजदीकी माने जाते है , पिछला विधानसभा चुनाव वह शांति धारीवाल से हार गए थे , लेकिन प्रहलाद गुंजल हाड़ोली अंचल के आज गुर्जर समाज के बड़े नेता माने जाते है ,यहां कुल 20 लाख 50 हजार मतदाता है जिसमे ढाई लाख मुस्लिम और सवा दो लाख मीणा ,साढ़े तीन लाख एससी एसटी ओबीसी सहित दो लाख गुर्जर मतदाता है वही करीब सवा लाख वैश्य और करीब दो लाख ब्राह्मण मतदाता है , यहां 2014 और 2019 में ओम बिड़ला सांसद बने और लोकसभा अध्यक्ष बने , यहां आठ विधानसभा सीटों की बात करे तो चार पर कोंग्रेस तो वही चार पर भाजपा का कब्जा है । लेकिन इस बार भाजपा का वोटर साइलेंट नजर आ रहा है जिसके चलते शहरी क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत कम रहा जिससे भाजपा को नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है वही ग्रामीण क्षेत्रो में बढ़े मतदान से कोंग्रेस उत्साहित रही । हालांकि कहा जाता है यहां जिला कोंग्रेस ने प्रहलाद गुंजल का साथ नही दिया यहां तक कि एक प्रचार सभा मे तो कोंग्रेस के नेता शांति धारीवाल और प्रहलाद गुंजल आमने सामने हो गए थे ।

हम पहले भी बता चुके है कोंग्रेस के पास खोने को कुछ नही है , प्रदेश में पिछले दो लोकसभा चुनावों से भाजपा का सभी 25 सीटों पर कब्जा रहा है लेकिन इस बार भाजपा के लिए सभी 25 सीटों को जीतने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है , भाजपा ने कोटा से टिकिट मांग रहे प्रह्लाद गुंजल को टिकिट नही दिया तो वह भाजपा छोड़कर कोंग्रेस में चले गए जिसके बाद कोंग्रेस ने उन्हें प्रत्याशी बनाया था , हालांकि सट्टा बाजार का आंकलन बिरला को जीत की तरफ इशारा करता हो लेकिन इतना तो तय है प्रह्लाद गुंजल और उनके समर्थकों ने कभी दाऊद इब्राहिम के साथी के साथ घूमने के आरोप लगाए तो कही सोशल मीडिया पर चल रहे बजरी खनन के ठेकों पर बिरला का नाम उछालने का प्रयास किया गया । यह भी लोगो का मानना है अगर यहां से बिरला जीतते है तो सिर्फ मोदी के नाम पर ही नैया पार लग रही है ।

इन सभी मुद्दों पर आज एक बहस छिड़ी हुई है कि आखिर किसकी जीत होने वाली है खैर हम भी चार जून का इंतजार करेंगे…

0

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!