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सिलीसेढ़ होटल ड्रोन की वीडियो ने खोली पोल….

पिछले काफी समय से अलवर में एक खबर सुर्खियों में बनी हुई है जिसकी चर्चा हर आम में है , वो है सरिस्का के बफर जॉन और सिलीसेढ़ झील के बहाव क्षेत्र में बने होटल्स , यह बचेंगे या टूटेंगे , इस मामले में कुछ समय पूर्व बहाव क्षेत्र मामले में जिला प्रशासन द्वारा चिन्हित 16 अतिकर्मियो के खिलाफ कार्यवाही की गई , बहाव क्षेत्र में आने वाले एक होटल नटनी हैरिटेज के संचालकों ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जिस पर अभी मामला विचाराधीन है और 30 अगस्त को हुई सुनवाई में एडीजे कोर्ट संख्या एक ने इस मामले में मौका कमिश्नर नियुक्त कर सात सितंबर तक रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए है । अब इस पर सात तारीख को अगली सुनवाई होगी , पहले आपको एक बार फिर बताते है पूरा मामला ..

दरअसल पिछले दिनों जब जल संसाधन विभाग द्वारा सिलीसेढ़ झील के बहाव क्षेत्र में आने वाले 16 अतिकर्मियों को चिन्हित किया गया था जिसके बाद प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई थी इसी क्षेत्र में बने नाटनी हैरिटेज नाम से निर्माणाधीन होटल पर चल रही कार्यवाही के दौरान होटल मालिकों को अलवर एडीजे कोर्ट संख्या एक से 30 अगस्त तक प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं करने और होटल मालिकों को निर्माण नही करने आदेश देते हुए स्टे दिया जिस पर कार्यवाही रोक दी गई ,

30 अगस्त को न्यायालय में हुई सुनवाई पर अपर लोक अभियोजक भूपेंद्र सिंह शेखावत ने बताया की प्रशासन की तरफ से पेश रिपोर्ट में 1922 से लेकर अब तक के रेवन्यू रिकॉर्ड और नक्शे आदि दस्तावेज पेश किए गए साथ ही सिलीसेढ़ झील से जय संबंध बांध तक ड्रोन से कराई गई वीडियो ग्राफी भी पेश की गई है ।

इस दौरान न्यायधीश ने खुली कोर्ट में पूरी वीडियो को देखा जिसमे पानी सिलीसेढ़ की पाल से ओवर फ्लो होता हुआ नाटनी हैरिटेज होटल तक पहुंचा जहा होटल के अंदर भी पानी गया ,

अब सवाल है जहा प्रशासन इसे नाला या बहाव क्षेत्र मान रहा है उसे दूसरा पक्ष मानने को तैयार नहीं है उनका तर्क है पहले यह बहाव क्षेत्र जस्टिफाई ही नहीं है , साथ ही उन्होंने कहा पिछली सरकार में उन्होंने एमोयू के आधार पर निर्माण कराया था , लेकिन सिर्फ एमोयु के आधार पर क्या कोई किसी विभाग की अनुमति के बिना निर्माण कर सकता यह भी बड़ा सवाल है न जमीन का कन्वर्जन कराया गया न किसी विभाग से एन ओ सी ली गई इसमें कही न कही पिछली सरकार द्वारा भी इन्वेस्ट समिट के नाम पर अनेकों प्रलोभन देकर उन्हें गुमराह करने का काम किया गया ,जिसका नतीजा ये होटल संचालक भुगत रहे है ।

अब आपको पहले आपको थोड़ा सा बहाव क्षेत्र का वीडियो भी दिखाते है जिससे आपको भी सही स्थिति का आंकलन कर सके झील की अपरा चल रही है यहां से पानी बहाव क्षेत्र से होता हुआ जय संबंध बांध की तरफ जा रहा है जिससे यह भी स्पष्ट होता है की यह बहाव क्षेत्र है अब इस मामले में न्यायालय द्वारा मौका कमिश्नर वरिष्ठ अधिवक्ता गिर्राज प्रसाद गुप्ता नियुक्त किए गए है ,साथ ही मय प्रशासन के तहसीलदार ,पटवारी कानूनगो की मोजुदगी में मौका कमिश्नर के साथ रेवन्यु रिकॉर्ड के आधार पर नपाई कराएंगे , जिससे यह साफ हो सके की नटनी हैरिटेज होटल का निर्माण नाले से कितनी दूरी पर है , इस दौरान दोनो पक्ष भी मौजूद रहेंगे , यह रिपोर्ट सात सितंबर तक न्यायालय में पेश करनी है ।

यह सारा मामला अभी सिर्फ बहाव क्षेत्र में आने वाले अतिक्रमण से जुड़ा हुआ है अभी आगे सरिस्का के बफर जॉन में आने वाले सभी व्यवसायिक गति विधियों पर भी गाज गिरने वाली है ..तब तक आप सोचते रहिए होटल बचेंगे या टूटेंगे , इसके साथ ही आपका इस पर क्या मत है अलवर को इसका कितना नुकसान या फायदा होगा इस पर भी अपनी राय दीजिएगा..

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