लोकसभा चुनावों से पहले जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 400 पार का नारा दिया था तो बीजेपी की हसरत यही थी कि वह उत्तर प्रदेश से अधिकतम सीटें जीते. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.उत्तर प्रदेश में बीजेपी पर इंडिया गठबंधन भारी पड़ा. यहां 80 में से बीजेपी महज़ 33 सीटें ही जीत पाई और इंडिया गठबंधन ने 43 सीटों पर अपना परचम लहराया. दो सीटों पर आरएलडी को जीत मिली और वह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा है. सबसे बड़ी बात ये रही अयोध्या जहां बने राममंदिर को भाजपा लोकसभा चुनावों में पूरे देश मे भुनाने के प्रयास में जुटी थी वही भाजपा चुनांव हार गई । यहां से तीन बार के सांसद रहे बीजेपी के लल्लू सिंह को समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद ने क़रीब 55 हज़ार मतों से मात दी.
मतगणना से पुर्व सांमने आये सभी एग्जिट पोल में यूपी में भाजपा को करीब 70 सीट मिलने का अनुमान बताया गया था , लेकिन मतगणना ने भाजपा के होश उड़ा दिए ,
बीजेपी महज़ 33 सीटें ही जीत पाई और इंडिया गठबंधन ने 43 सीटों पर अपना परचम लहराया. दो सीटों पर आरएलडी को जीत मिली और वह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा है.
इस बार समाजवादी पार्टी ने यूपी में 62 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और कांग्रेस ने 17 सीटों पर. समाजवादी पार्टी 62 में से 37 सीटें जीतीं और कांग्रेस को 17 में से छह पर जीत मिली.
यूपी में बीजेपी के 33 सीटों पर सिमटने का असर योगी पर भी पड़ेगा. अमित शाह और नरेंद्र मोदी अगर चाहें तो इस हार का ठीकरा योगी पर फोड़ सकते हैं और उन्हें सीएम की कुर्सी से हटा सकते हैं. नरेंद्र मोदी यूपी में जिस शिखर तक पहुँच गए थे, वहाँ से अब उनका उतरना शुरू हो गया है.” जिसके चलते अब सिर्फ यूपी नही पूरे देश मे भाजपा ने मंथन शुरू कर दिया है ।