बीपीएससी एग्जाम को रद्द करने की मांग पर छात्रों के साथ धरने पर बैठे जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर एक झटके में बिहार की राजनीति के एक बड़े चेहरे बनकर उभर गये हैं.बीपीएससी अभ्यर्थियों के री-एग्जाम की मांग को लेकर पिछले 6 दिनों से आमरण अनशन कर रहे प्रशांत किशोर को पांचवें दिन सुबह सुबह पुलिस ने जबरन उठा लिया था.उनके खिलाफ प्रतिबंधित स्थल गांधी मैदान के गांधी प्रतिमा के नीचे आमरण अनशन और प्रदर्शन करने का आरोप था.उनकी गिरफ्तारी और रिहाई दोनों बड़े नाटकीय ढंग से हुई.प्रशांत किशोर को कोर्ट ने जमानत तो दे दी लेकिन साथ ही शर्त लगा दी .शर्त ये थी कि जिस आरोप में वो गिरफ्यातार हुए हैं, दुबारा उस अपराध को नहीं करेगें.मतलब साफ़ था अब गांधी मैदान गांधी प्रतिमा के नीचे आमरण अनशन और प्रदर्शन नहीं करेगें.प्रशांत किशोर ने इस शर्त पर बेल लेने से इनकार कर दिया.कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेंज दिया. आखिर उनके वकील की एक अर्जी को स्वीकार करते हुए न्यायलय ने वह शर्त हटा दी । और प्रशांत किशोर को जमानत दे दी गई ।
आज बिहार की राजनीति में एक बड़ा चेहरा बनकर उभर रहे प्रशांत किशोर दरअसल इस आंदोलन में जब प्रशांत किशोर ने सशर्त जमानत लेने से मना कर दिया तो प्रशांत किशोर देखते देखते ही एक हीरो बनकर उभर गये.छात्रों के बीच ये संदेश गया कि वो जेल जाने को तैयार हैं लेकिन छात्रों के लिए संघर्ष को बंद करने को तैयार नहीं.अचानक छात्रों की प्रशांत किशोर के प्रति दीवानगी बढ़ गई.कोर्ट परिसर में ही प्रदर्शन शुरू हो गया.प्रशांत किशोर की एक झलक पाने को लोग बेताब दिखे.प्रशांत किशोर सरकार के सामने नहीं झुकने और जेल में भी अपना आमरण अनशन जारी रखने के ऐलान के साथ जेल के लिए निकल गये.जेल पहुँच भी गये .लेकिन इस बीच दिल्ली से पटना पहुंचे वकील ने उसी कोर्ट में सुनवाई के लिए अपील कर दी जिसने उन्हें जेल भेंज था.आधे घंटे की जिरह में ही वकील ने जज को शर्त हटाने के लिए मना लिया. जमानत की शर्त हटा ली गई.बेल बांड भरा गया और प्रशांत किशोर जेल का चौखट छूकर वापस घर लौट गये…
मिली जानकारी के अनुसार प्रशांत किशोर अनशन जारी रखेंगे लेकिन गांधी मैदान पर नहीं दरअसल गांधी मैदान को 26 जनवरी को सील कर दिया गया है । अब प्रशांत किशोर कही और छात्रों की मागों के लिए अनशन जारी रखेंगे ।