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नेता जी शांति धारीवाल की सदन में अभद्र भाषा…

राजस्थान में विधानसभा सत्र चल रहा है जहां पक्ष और विपक्ष के नेताओ को सदन में अपनी अपनी बात रखने का मौका दिया जाता है लेकिन कुछ नेता इस दौरान अपनी मर्यादाएं भूल जाते है , यहां तक कि अपशब्दों का इस्तेमाल तो अक्सर होता ही रहता है अब सदन में गाली गलौच तक करने लगे है नेता है , ताजा मामला पूर्ववती सरकार में यूडीएच मंत्री रहें शांति धारीवाल से जुड़ा है जहां उन्होंने सदन में मां बहन की गाली तक का इस्तेमाल किया है , नेता जी अक्सर भूल जाते है सदन में महिला सदस्य भी होती है लेकिन यह उनके लिए कोई नई बात नही है पहले भी पिछली गहलोत सरकार के कार्यकाल में वह सदन में प्रदेश में बढ़ते रेप के मामले में बोलते हुए वह कह चुके यह मर्दों का प्रदेश है भाई रेप तो होंगे ही …अब 81 वर्षीय हमारे इन वरिष्ठ नेता जी को कोन समझाए …पहले आप उनका ताजा बयान सुनिए सदन में शांति धारीवाल की भाषा का यह वीडियो ,हालांकि हमे उनकी गाली को बीप करना होगा ..


ये साहब राजस्थान की पूर्वीवती अशोक गहलोत सरकार में यूडीएच मंत्री रहे शांति धारीवाल है इन्होंने विधानसभा में भाजपा विधायक के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया , सदन में शुक्रवार को यूडीएच विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान स्पीकर की कुर्सी पर बैठे कोटा दक्षिण के विधायक संदीप शर्मा ने कांग्रेस के दिग्गज नेता शांति धारीवाल को बोलने से रोक दिया था। इसके बाद शांति धारीवाल ने अभद्र शब्दों इस्तेमाल किया ,भले ही उनके मुंह से गाली फ्लो में निकल गईं हो लेकिन इन्हें सदन की मर्यादा का ख्याल रखना चाहिए था । शांति धारीवाल ने भाजपा विधायक संदीप शर्मा को यहां तक बोल दिया कि कोटा के रहने वाले हो, कोटा में रहना है या नहीं।


यह कोई पहला मौका नहीं है जब कांग्रेस विधायक शांति धारीवालअपने विवादित बयानों के कारण सुर्खियों में आए हो , इससे पहले वह रेप के मुद्दों पर चर्चा के दौरान सदन में आपत्तिजनकर बात बोल चुके है , पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खास रहे शांति धारीवाल ने पिछली गहलोत सरकार के दौरान प्रदेश में बढ़ते महिला अपराध का जवाब देते हुए राजस्थान को मर्दों का प्रदेश बता दिया था। इस बात पर उस समय प्रदेश में जमकर बवाल मचा था। भारतीय जनता पार्टी ने तो शांति धारीवाल की इस बात को साल 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ मुद्दा बना लिया था।
इस मामले में उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने शांति धारीवाल के बयान को निंदनीय बताते हुए कहा उन्हें महिलाओं का सम्मान करना नही आता उन्होंने कहा उनकी पार्टी की ही ऐसी ही मानसिकता है , दिया कुमारी ने कहा यह वही नेता है जो महिलाओं पर होते रेप पर कह सकते है यह मर्दों का प्रदेश है , यह महिलाओं के सम्मान के विरोधी है ।


राजस्थान की सियासत में शांति धारीवाल का नाम कांग्रेस के बड़े राजनेताओं में गिना जाता है। वो कांग्रेस के दिग्गज नेता हैं। 29 अक्टूबर 1943 जन्मे शांति धारीवाल पिछली कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे। वो कोटा उत्तर से 3 बार विधायक रहे हैं। पिछले साल हुए चुनाव में भी उन्होंने कोटा उत्तर को बरकरार रखा। इसके अलावा वो कांग्रेस के सदस्य के रूप में कोटा लोकसभा से एक बार सांसद भी रह चुके है
शांति धारीवाल का पार्टी में भी अपना एक रुतबा रहा है उनकी धमक कांग्रेस के भीतर भी इतनी है कि उन्होंने सीधे पार्टी हाईकमान से ही पंगा तक ले लिया था। उनकी पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सिपहसालार के रूप में गिनती होती रही है और सब जानते हैं कि अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार पर अंदरखाने कई बार खतरा आया था। हालांकि एक बार गहलोत सरकार पर आए खतरे को टालने में शांति धारीवाल की भी बड़ी भूमिका थी। उस वक्त शांति धारीवाल ने अशोक गहलोत के लिए बैटिंग की थी।


जब अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच कुर्सी विवाद चल रहा था उस दौरान मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन उस समय पर्यवेक्षक थे, जब राजस्थान कांग्रेस में भूचाल आया हुआ था। हाईकमान ने दिल्ली से पर्यवेक्षकों को राजस्थान में विधायकों के साथ बैठक करने के लिए भेजा था। चर्चाएं थी कि अशोक गहलोत को उनके पद से हटाकर पार्टी का प्रमुख बनाया जा सकता है। हालांकि धारीवाल ने जो दांव चला, वो एक तरीके से पार्टी आलाकमान के खिलाफ विद्रोह था। शांति धारीवाल ने अशोक गहलोत खेमे के लगभग 80 विधायकों को अपने आवास पर जुटा लिया था और ऐसे में दिल्ली से आए पर्यवेक्षक बिना किसी बैठक के वहां से लौटने पर मजबूर हो गए थे। हाईकमान से नाराजगी मोल लेकर धारीवाल ने अशोक गहलोत के प्रति अपनी वफादारी का ठोस सबूत दिया था। नतीजन उस समय गहलोत के ऊपर से वो बड़ा खतरा टल पाया था।
आज नेता जी के हमारे विशेष बुलेटिन में इतना ही दीजिए इजाजत फिर मिलेंगे किसी और नेता जी की कहानी के साथ…

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