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स्क्रैप में जाने वाली है गाड़ियां, लेकिन हो गया इमोशनल अटैचमेंट… जान लें ये पॉलिसी… सारी गलतफहमियां हो जाएंगी दूर

Scrappage Policy in India: दिल्ली-एनसीआर में आयु पूरी कर चुके पुराने वाहनों पर एक बार फिर से सख्ती शुरू हो गई है. दिल्लीवाले अब अपने पुराने वाहनों को दूसरे राज्यों में भेज कर रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं. दिल्ली-एनसीआर में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल गाड़ियां सड़कों पर चलाने पर मनाही है. इसके बावजूद ये पुरानी गाड़ियां सड़कों पर कुछ जानबूझकर तो कुछ गलतफहमियों की वजह से आ जाती हैं. आज आपको पूरी तरह से समझ में आ जाएगा कि कितनी पुरानी और कौन-कौन सी गाड़ियां या बाइक दिल्ली-एनसीआर के सड़कों पर आप चला सकते हैं?

हालांकि, दिल्ली-एनसीआर में 10 साल पुरानी डीजल कारों और 15 साल पुरानी पेट्रोल कारों को लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह बातें होती रहती हैं. ऐसे में आज जानेंगे कि 15 साल पेट्रोल और 10 साल डीजल या सीएनजी गाड़ियां या बाइक को परिवहन विभाग किसी तरह की छूट दे रखी है? जैसे पुरानी गाड़ियां अगर इलेक्ट्रिक में कन्वर्ट हो जाए तो क्या यह दिल्ली की सड़कों पर चल सकती हैं? या फिर आयु पुरा करने के बाद भी पॉल्यूशन सर्टिफिकेट मिल जाता है? पुरानी गाड़ियां किन स्थिति में स्क्रैप में भेजी जा सकती है? साथ ही आम आदमी के पास स्क्रैप में भेजने से बचने के लिए क्या कोई दूसरा विकल्प मौजूद है?

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वित्तीय वर्ष 2022-23 में 5.39 लाख वाहनों को दूसरे राज्यों में ले जाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया गया है.

बड़े पैमाने पर हो रहा है गाड़ियों का स्क्रेपिंग
दिल्ली सांख्यिकी पुस्तिका 2023 के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2022-23 में 5.39 लाख वाहनों को दूसरे राज्यों में ले जाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया गया है. इसका मतलब साफ है कि दिल्ली में ये गाड़ियां नहीं चलने की वजह से ही दूसरे एनओसी लिया गया और दूसरे राज्यों में भेजा गया. इसलिए एनजीटी ने साफ कर दिया है कि पॉल्यूशन सर्टिफिकेट मिलने के बाद भी पुरानी गाड़ियां स्क्रैप में ही भेजी जाएगी.

दिल्ली ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने भी अपने वेबसाइट पर साफ लिख रखा है कि दिल्ली में 10 साल पुरानी डीजल कार और 15 साल पुरानी पेट्रोल-सीएनजी कार या बाइक सड़क पर पूरी तरह से प्रतिबंध है. बता दें कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल दिल्ली-एनसीआर ही नहीं देश के दूसरे राज्यों के कुछ शहरों के लिए भी यह नियम लागू किया है. एनजीटी के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा.

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Scrappage Policy in India: बाइक, स्कूटर या स्कूटी को अगले 5 साल और चलाने के लिए री-रजिस्ट्रेशन अनिवार्य.

बाइक, स्कूटर और स्कूटी के लिए ये है नियम
हालांकि, गाड़ियों के नई स्क्रैप पॉलिसी के तहत बाइक, स्कूटर या स्कूटी को अगले 5 साल और चलाने के लिए री-रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य हो गया है. इसके लिए आपको ऑटोमेटिक व्हीकल फिटनेस टेस्टिंग स्टेशन (ATS) से फिटनेस सर्टिफिकेट लेकर आरटीओ में जमा कराना होगा. उसके बाद ही आरटीओ आपको गाड़ी चलाने का लाइसेंस देगा. लेकिन, बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के आप ये गाड़ियां भी नहीं चला सकते हैं.

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कुलमिलाकर आप किसी भी सूरत, स्थिति और परिस्थिति में दिल्ली और दिल्ली से सटे गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम में 10 साल पुरानी डीजल कार और 15 साल पुरानी पेट्रोल या सीएनजी गाड़ियां नहीं चला सकते हैं. अगर आप ऐसा करते हैं तो आप पर परिवहन विभाग, ट्रैफिक पुलिस या कोई संबंधित एजेंसी जुर्माना लगाने के साथ-साथ गाड़ी को स्क्रैप करा सकती है.

Tags: Delhi-NCR News, Scrapping Policy, Transport department, Vehicle Scrappage Policy

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