अभिनव कुमार/दरभंगा:- बिछड़े बेटे से मिलने के बाद मां का दिल भर आया, लेकिन उसे कहां पता था कि यह खुशी फिर से गम में तब्दील हो जाएगी. दरअसल दरभंगा जिला के केवटी प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत खिरमा पथरा गांव के एक बुजुर्ग दंपति के चेहरे पर उस वक्त खुशी का ठिकाना नहीं रहा, जब लगभग 23 सालों बाद खोया हुआ बेटा मोहम्मद इफ्तिखार उन्हें वापस मिला. लेकिन खुशी में शायद वे इस बात को भूल गए कि उसके सामने बेटा बनकर आया शख्स छलावा और ठगी के फिराक में है. कुछ दिन पहले दो युवक भिक्षाटन करते हुए सारंगी बजाते खिरमा पथरा गांव के मो. शौकत और शहजादी खातून के घर आ पहुंचे और उनमें से एक खुद को उनका खोया हुआ बेटा बताने लगा. इसके बहाने धर्म और इमोशन के नाम पर वह उस बुजुर्ग पति-पत्नी से लाखों की ठगी करने के फिराक में था. लेकिन समय रहते लोग सतर्क हो गए और एक बड़ी ठगी के शिकार होने से बच गए. लेकिन 1200 के मोबाइल की ठगी को नहीं रोक पाए.
योगी खुद को बता रहा था खोया हुआ बेटा
मो. अंजार ने बताया कि योगी के भेष में दो आदमी आए थे. भिक्षा लेने के बाद एक आदमी ने कहा कि वह उसका खोया हुआ बेटा है. लोग मानने को तैयार नहीं हुए, तो अपना पहचान दिखाकर सभी को सलाम करने लगा. उसके बाद योगी ने कहा कि हम कल आएंगे. अगले दिन आने के बाद उसने फर्जी पहचान दिखाकर सबका विश्वास जीत लिया. लोगों ने कहना शुरू कर दिया कि ये 23 साल पहले खोया हुआ दंपति का लड़का है. जब वह सबका नाम भी बताने लगा, तो लोगों का शक यकीन में बदल गया. उसके बाद योगी ने कहा कि अगले दिन फिर दो साथियों के साथ आएंगे और खाना खाकर यहीं रुक जाएंगे. वह अपने साथियों के साथ आया और खाना खाकर चला गया. घर से जाते वक्त उसने कहा कि जहां रहते हैं, वहां भोज देना पड़ेगा, तभी दोष कटेगा. इसके बाद ही वह स्थाई तौर पर सभी के साथ रहने लगेगा.
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बड़ी ठगी का शिकार होने से बच गया मो. अंजार का परिवार
मो. अंजार ने बताया कि जाने के बाद योगी ने फिर कॉल किया कि उसे दो लाख रुपए चाहिए. मो. अंजार ने बताया कि जब उन्होंने पैसे देने के इनकार कर दिया, तो कहने लगा कि अगर बेटा बीमार पड़ता, तो कर्ज लेकर इलाज नहीं कराते. इसपर भी जब मों अंजार तैयार नहीं हुए, तो 5000 रुपए मांगने लगा. तब उन्होंने योगी से कहा कि अपने साथी को लेकर आओ, कैश पेमेंट कर देंगे. इसके बाद वह ऑनलाइन पेमेंट के लिए दबाव बनाने लगा. जब हमने मना कर दिया, तो मां से बात करने के लिए जो मोबाइल हमने दिया था, वो 1200 रुपए का मोबाइल लेकर फरार हो गया. मो. अंजार ने बताया कि इतना कुछ होने के बाद यह समझते देर नहीं लगी कि यह बहरूपिया बनकर ठगी करने आया है. मां शहजादी खातून को जब सच्चाई का पता चला, तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई. योगी बेटा बनकर ठगी करने का प्रयास कर रहा था. हकीकत जानने के बाद मां की खुशियां गम में तब्दील हो गई. ग्रामीण यदि संयम से काम नहीं लेते, तो बड़ी ठगी का शिकार हो सकते थे.
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FIRST PUBLISHED : February 23, 2024, 11:28 IST