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दौसा (राजास्थान): दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर …

लोकसभा चुनांव 2024

जयपुर

देश मे जहां जहां चुनांव हो चुके है वहा हर गली हर चौराहे पर एक ही चर्चा कोंन जीतेगा कोंन हारेगा ,इतना ही नही दूसरे नम्बर पर कोंन रहेगा और कितने वोटो से हार जीत होनी है , यह अटकलों का सिलसिला यू ही 4 जून तक चलने वाला है लेकिन अनेको लोकसभा सीटों पर तो कही सट्टा बाजार तो कही पब्लिक के आंकलन से लोगो ने अपने अपने प्रत्याशियो की हार जीत लगभग तय ही मान रखी है , हम अगर राजस्थान की बात करे तो यहां चल रहे फलौदी के सट्टे बाजार ने तो यह भी बता दिया है कि भाजपा इस बार क्लीन स्वीप यानी सभी 25 सीटों पर हैट्रिक नही लगा पा रही है , यह एक आंकलन है लेकिन तथ्यात्मक नही , इसके अलावा कुछ अलग अलग पार्टियों के समर्थक तो इसे सही और गलत कह कर जद्दोजहद में लगे हुए है , क्योंकि की कोई भी अपने नेता जी की हार मानने को तैयार नही है , खैर आज हम जिस पर चर्चा कर रहे है वो है राजस्थान की वो महत्वपूर्ण सीटे जहां कांटे की टक्कर रही है , जहां परिणाम कुछ भी आ सकते है , हम अगर बात कोंग्रेस की करे तो लोकसभा के पिछले दो चुनावो में वह सभी 25 सीटों पर हारी है इसलिए कह सकते है कोंग्रेस के पास खोने को तो कुछ है नही पर इस बार जो समीकरण देखने मे और सुनने में आ रहे है उसमें भाजपा को तो नुकसान हो ही रहा है ।
आज जिन सीटों की हम बात कर रहे है वहा कई दिग्गजों की नींद उड़ी हुई है , ऐसी राजस्थान में लगभग दस सीट है जहां कांटे का मुकाबला रहा , हम अपनी इस कड़ी में आज हम दौसा लोकसभा सीट की बात करेंगे क्या है वहां के समीकरण..

क्या सच है की इस बार मोदी की लहर नही चल रही कुछ लोगो का यही मानना है लेकिन यह भी सच है कि जितना भी परिणाम भाजपा के पक्ष में आ रहा है वह भी मोदी की वजह से ही आ रहा है , हम बात कर रहे थे राजस्थान की उन सीटो की जहां आमने सामने की कड़ी टक्कर सामने आ रही तो कही त्रिकोणीय मुकाबला भी रहा ।

राजस्थान में किन किन सीटों पर कड़ा मुकाबला है , किन किन दिग्गजों की साख दाव पर लगी है उनपर हम आपको अलग अलग लोकसभा सीटो की सिलसिले वार पूरी जानकारी बताएंगे की क्या रहे वहां के समीकरण , आज हम बात दौसा लोकसभा सीट की

दौसा लोकसभा सीट पर पिछले 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के हरीश मीणा सांसद बने थे जो फिलहाल कोंग्रेस में चले गए है वही 2019 में भाजपा की जसकौर मीणा सांसद बनी थी लेकिन इस बार भाजपा ने कन्हैया लाल मीणा को मैदान में उतारा है तो वही कोंग्रेस ने मुरारीलाल मीणा को मैदान में उतारा है यहां परिणामो के आने से पहले से यह माना जा रहा है यहां कांटे की टक्कर रही है । दौसा में कोंग्रेस के प्रत्याशी मुरारीलाल मीणा है और भाजपा ने कन्हैया लाल मीणा को मैदान में उतारा है , इन दोनों प्रत्याशियो के पीछे दो बड़े दिग्गज नेताओ ने पूरी ताकत झोंक रखी है , जिनमे कोंग्रेस प्रत्याशी मुरारी लाल मीणा के समर्थन में सचिन पायलट और भाजपा के प्रत्याशी कन्हैया लाल मीणा के समर्थन में डॉक्टर किरोड़ीलाल मीणा , इन दोनों बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा इस चुनाव में दांव पर लगी है , कोंग्रेस प्रत्याशी मुरारीलाल मीणा पायलट गुट के माने जाते है और दौसा लोकसभा क्षेत्र पायलट का गढ़ माना जाता है यहां से सचिन पायलट स्वयं के अलावा उनके पिता स्व:राजेश पायलट और माता रमा पायलट प्रतिनिधित्व कर चुकी है , सचिन पायलट कोंग्रेस प्रत्याशी को जिताने के भरसक प्रयास में जुटे हुए है वही सट्टा बाजार भी मुरारी लाल मीणा को जिता रहा है । वैसे भी सचिन पायलट की सक्रियता बता रही है वह इन चुनावों में गहलोत से अदावत के चलते वह एक बड़ी लकीर खींचना चाहते है , खासकर जब से गहलोत साहब के ओएसडी रहे लोकेश शर्मा ने फोन टेपिंग मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर गम्भीर आरोप लगाए …खैर थोड़ा कुछ दिन और इंतजार करते है परिणामो के लिए

वही बात भाजपा प्रत्याशी कन्हैयालाल मीणा की करे तो इनके पीछे कैबिनेट मंत्री डॉ किरोड़ी लाल मीणा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है , हालांकि किरोड़ी मीणा को उम्मीद थी पार्टी आलाकमान उनके किसी परिवार के सदस्य को मौका दे सकते है पर ऐसा नही हुआ , आखिर उन्हें कन्हैया लाल मीणा के समर्थन में प्रचार करना पड़ा , लेकिन चर्चा ये भी है डॉ किरोड़ी किसी भी सूरत में नही चाहते कि मुरारीलाल मीणा जीते , क्योंकि वह यह भी जानते है इस क्षेत्र सहित आसपास की मीणा बाहुल्य क्षेत्र में मुरारीलाल मीणा का बड़ा नाम हो जाएगा , डॉ किरोड़ी यह भी सभाओं में एलान कर चुके है कि अगर कन्हैयालाल मीणा चुनांव हार गए तो वह अपने मंत्री पद से स्तीफा दे देंगे ..अब लोग इसके अलग अलग मायने निकाल रहे है फिलहाल हम भी इंतजार करेंगे चार जून के जब सारे पत्ते खुलेंगे और परिणाम सबके सामने होंगे ।

ये वह दौसा लोकसभा सीट है जहां न सिर्फ कांटे की टक्कर है बल्कि भाजपा के बड़े नेताओं की नींद भी उड़ा रखी है ।

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