उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री ने महिलाओ की सुरक्षा के लिए नया कानून लाया जा रहा है आए दिन प्रदेश में सामने आ रही महिलाओं से छेड़खानी से लेकर उन्हें बरगला कर हो रहे यौन उत्पीड़न की घटनाओं पर अंकुश लगाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा रहा है , योगी सरकार ने राज्य महिला आयोग द्वारा नौ-सूत्रीय प्रस्ताव पर यह निर्णय लेने जा रही है इसमें महिला सुरक्षा उपायों में पुरुष दर्ज़ी को महिलाओं का नाप लेने से रोकना, जिम या योगा क्लास के दौरान पुरुषों को महिलाओं को ट्रेनिंग देने से रोकना शामिल थे । लेकिन मीडिया में सामने आई इस रिपोर्ट के बाद प्रदेश में अब नयाविवाद खड़ा हो गया है , लेकिन योगी है जो अपने अंदाज में काम करने के लिए जाने जाते है ।
इस कानून में स्कूल बसों के लिए महिला सुरक्षा गार्ड और महिलाओं के कपड़ों की दुकानों में ग्राहकों की सहायता के लिए महिला कर्मचारियों की नियुक्ति सुनिश्चित करने की भी सिफारिश की गई है. साथ ही इसमें यह अनिवार्य किया गया है कि दर्ज़ी की दुकानों में एक महिला सहायक महिलाओं का माप लेगी, और जिन अकादमियों में महिलाएं दाखिला लेती हैं, वहां एक महिला नृत्य शिक्षिका होगी.
विपक्षी दलों ने वैधानिक निकाय पर ‘रूढ़िवादी मानसिकता’ रखने का आरोप लगाया है, साथ ही कहा है कि इस प्रस्ताव से दर्ज़ी और जिम व्यवसाय के मालिक प्रभावित होंगे.
इस प्रस्ताव में स्कूल बसों के लिए महिला सुरक्षा गार्ड और महिलाओं के कपड़ों की दुकानों में ग्राहकों की सहायता के लिए महिला कर्मचारियों की नियुक्ति सुनिश्चित करने की भी सिफारिश की गई है.
इसमें यह अनिवार्य किया गया है कि दर्ज़ी की दुकानों में एक महिला सहायक महिलाओं का माप लेगी, और जिन अकादमियों में महिलाएं दाखिला लेती हैं, वहां एक महिला नृत्य शिक्षिका का होना भी जरूरी है ।
दरअसल “यह सिर्फ छेड़छाड़ नहीं है; कभी-कभी, जिम ट्रेनर और डांस टीचरों और दर्जियों द्वारा ‘बैड टच’ की शिकायतें मिलती रही हैं. इसलिए महिला आयोग ने कुछ दिशा-निर्देश प्रस्तावित करने का फ़ैसला किया, जिन्हें राज्य में कानून में बदला जाने की सिफारिश की गई है ।
आयोग की प्रमुख बबीता चौहान ने शुक्रवार को लखनऊ में संवाददाताओं से कहा कि महिला ग्राहकों को सेवा देने वाले जिम में महिला ट्रेनर को नियुक्त करना होगा. “सभी जिम ट्रेनर्स का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य है. अगर कोई महिला किसी पुरुष ट्रेनर से ट्रेनिंग लेना चाहती है, तो उसे लिखित सहमति देनी होगी.”
अब योगी सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है माना जा रहा है जल्द ही इसे कानूनी अमलीजामा पहनाया जा सकता है ।