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शाह के अंबेडकर वाले बयान पर बवाल! | Amit Shah Speech on Ambedkar | One Nation One Election |Congress

दो दिन से संसद के अंदर और संसद के बाहर गृह मंत्री अमित शाह के एक बयान पर विपक्ष ने बवाल मचा रखा है , दरअसल यह बयान अमित शाह ने संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर पर दिया था लेकिन कांग्रेस ने उसमें से कुछ अंश काटकर उसे वायरल करते हुए अंबेडकर का अपमान बताया और इस मामले में अमित शाह की बर्खास्तगी की मांग करने लगे , इसी मामले पर जब गुरुवार को कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी सांसदों ने दिल्ली में संसद भवन के बाहर प्रदर्शन किया उस दौरान भाजपा सांसदों से धक्का मुक्की की जिसमें भाजपा के दो सांसद चोटिल हो गए । आज इस विशेष में आपको बताते है क्या अमित शाह ने वाकई अंबेडकर का अपमान किया या कांग्रेस ने उनके वीडियो को काट छांट कर वायरल कर देश में माहौल बिगाड़ने का काम किया ..

17 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संविधान पर लोकसभा में संबोधन दे रहे थे , इस दौरान उन्होंने संविधान निर्माता डॉ बीआर अंबेडकर का जिक्र भी किया था. उनके इसी बयान के एक 11 सेकंड के अंश को विपक्ष वायरल करते हुए पूरे देश में बवाल खड़ा कर दिया है इसे अमित शाह पर अम्बेडकर का अपमान बताया और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से अमित शाह को मंत्रीपद से हटाने की मांग की , इतना ही नहीं संसद के बाहर सभी विपक्षी सांसदों ने प्रदर्शन किया यहां तक कि राजस्थान सहित कई राज्यों में भी प्रदर्शन किए गए आज आपको बताते है आखिर क्या है पूरा मामला और इसके पीछे विपक्ष की मंशा क्या है पहले आप सुनिए वो कौनसा वीडियो है अमित शाह का जिसे मुद्दा बनाया गया ।

यह वीडियो करीब 11 सेकंड का है , जो अधूरा है लेकिन फिर एक बार कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों ने हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में जिस तरह भाजपा के खिलाफ संविधान बदलने का एक नरेटिव बनाया जिसमें वह कामयाब भी हुए उसी तरह विपक्ष को एक बार फिर मुद्दा मिल गया है , पूरे देश में फिर एक बार माहौल बिगाड़ने की कोशिश शुरू हो गई , खरगे का एक बयान सामने आया जिसे केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह ने सोशल मीडिया पर वायरल किया ..

दरअसल कांग्रेस भले ही अपने आपको दलित समाज की हितैषी बताती हो लेकिन इस बार हुई लोकसभा सत्र में संविधान पर चर्चा में जिस तरह पीएम मोदी और अमित शाह ने कांग्रेस की धज्जियां उड़ाई उससे कांग्रेस बौखला गई जिसके बाद कांग्रेस ने वही हत्कन्डा अपनाया और अमित शाह के भाषण के छोटे से अंश को काटकर लोगो को भटकाने का काम किया । इस मामले में आखिर अमित शाह को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताना पड़ा कांग्रेस ने आधा अधूरा उनका वीडियो कांट छांट कर वायरल किया है ,फिर कांग्रेस ने देश को भ्रमित करने का काम किया है ।

आपको अब पूरा अमित शाह का वो बयान भी दिखाते है जिसे कांट छांट कर पेश किया था उसमें अमित शाह ने क्या कहा आप भी सुनिए ,

वीडियो में अमित शाह कह रहे हैं, अभी एक फैशन हो गया है. अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर… इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता है.’ फुल वीडियो में इसके आगे का हिस्सा है, जिसमें अमित शाह कह रहे हैं, ‘हमें तो आनंद है कि अंबेडकर का नाम लेते हैं. अंबेडकर का नाम अभी 100 बार ज्यादा लो परंतु साथ अपने अंबेडकर जी के प्रति आपका भाव क्या है, ये मैं बताता हूं. अंबेडकर जी ने देश की पहली कैबिनेट से इस्तीफा क्यों दे दिया? अंबेडकर जी ने कई बार कहा कि अनुसूचित जातियों और जनजातियों से हुए व्यवहार से मैं असंतुष्ट हूं. सरकार की विदेश नीति से मैं असहमत हूं और आर्टिकल 370 से मैं असहमत हूं इसलिए मैं मंत्रिमंडल छोड़ना चाहता हूं. उन्हें आश्वासन दिया गया. आश्वासन पूरा नहीं हुआ तो उन्होंने इग्नोरेंस के चलते इस्तीफा दे दिया.’

इस मामले में भाजपा भी आक्रामक हो गई है ,भाजपा नेताओं के मीडिया पर आए अलग बयानों में कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा , दरअसल लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी के कार्यकाल के जो चिट्ठे खोले उससे उन्हें लगा कही एस सी एसटी वर्ग उनके हाथ से न निकल जाए इस लिए कांग्रेस ने मुद्दे से भटकाने का काम किया है , अमित शाह ने कांग्रेस पर आरोप लगाए कांग्रेस हमेशा दलित विरोधी रही वह हमेशा आरक्षण विरोधी रही , नेहरू जी ने तो अम्बेडकर जी के खिलाफ प्रचार किया था और इनपर ऐसा दबाव बनाया उन्होंने लोकसभा से इस्तीफा तक दे दिया था संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर जी को भारत रत्न तक नहीं दिया गया…

इन सब को देखते हुए यह तो साफ हो गया है भले ही आज संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर इस दुनिया में नहीं हो लेकिन उनके नाम पर देश में चल रही राजनीति से वो जहां भी होंगे व्यथित होते होंगे जिन लोगों ने कभी उन्हें चुनाव में हराने का काम किया , जिस पार्टी के नेताओं ने कभी किसी सम्मान से नहीं नवाजा लेकिन आज वही लोग उन्हीं के फोटो हाथ में लेकर अपनी राजनीति चमकाने में लगे है वही यह मुद्दा गुरुवार को भी गरम रहा जब संसद के बाहर जमकर हंगामा हुआ इस दौरान प्रदर्शन कारी सांसदों से भाजपा सांसदों की आपस में धक्का मुक्की हुई जिसमे दो सांसद घायल हो गए , आश्चर्य इस बात का है दोनों तरफ से हो रहे प्रदर्शन में दोनों पक्षों के हाथों में अंबेडकर की तस्वीर थी फिर भी आमने सामने है दरअसल आज ये राजनैतिक दल जानते है देश में सत्ता में रहने के लिए यह जरूरी है जबकि उनके बनाए संविधान को कोई नहीं मान रहा ।

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