राजस्थान के अलवर शहर में स्कीम 8 स्थित आरती बालिका गृह में 12 वर्षीय प्रियंका की इलाज के अभाव में हुई मौत के बाद इस मामले में राज्य सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। जिला कलेक्टर आर्तिका शुक्ला ने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है, जिसका नेतृत्व सहायक कलेक्टर (ACM) करेंगे।
इसके साथ ही, बाल अधिकारिता विभाग ने किशोर न्याय बोर्ड के अंतर्गत गठित बाल कल्याण समिति, अलवर के अध्यक्ष राजेश शर्मा तथा सदस्य भूपेन्द्र सैनी और सुरज्ञान सिंह जाट को उनके पदों से हटा दिया है। इनकी नियुक्ति वर्ष 2023 में तीन साल के कार्यकाल के लिए हुई थी इसके अलावा इस लापरवाही में आरती बालिका गृह के संचालन का रजिस्ट्रेशन भी रद्द हो सकता है ।
दरअसल इस पूरे मामले में आरती बालिका गृह में रहने वाली एक 12 वर्षीय बालिका जिसको ब्रेन टीबी की शिकायत थी , डॉक्टरों ने बालिका को गंभीर हालत में देखकर उसे 31 जनवरी को ही जयपुर रैफर करने के लिए लिख दिया था ,फिर भी बालिका को सिर्फ एक दूसरे से परमिशन के चक्कर में 11 दिन तक अलवर में रखा गया ,जबकि सीडब्लूसी किसी आदेश की प्रतिक्षा के बिना भी बच्ची को इलाज के लिए आगे भेज सकती थी , 10 फरवरी की शाम को बालिका गृह के संचालक चेतराम बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक को ईमेल कर बालिका को जयपुर उपचार के लिए ले जाने की इजाजत मांग रहे थे , उसे मेल का भी कोई जवाब नहीं मिल पाया , ऐसे में सवाल है कि बालिका गृह के संचालक व्हाट्सएप या कॉल करके भी इसकी परमिशन ले सकते थे इस पूरे मामले में चाहे वह बालिका गृह के संचालक हो या बाल अधिकारिता विभाग इनकी गंभीर लापरवाही मानी जा रही जिसके चलते बच्ची को समय पर इलाज नहीं मिल पाया जिससे बच्ची की मौत हो गई ।
इस मामले में जिला कलेक्टर आर्तिका शुक्ला ने आरती बालिका गृह में बालिका की मृत्यु की विस्तृत जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की है। इस कमेटी में सहायक कलेक्टर सुनीता यादव को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जबकि जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. कपिल भारद्वाज और कलक्ट्रेट के सहायक लेखाधिकारी रजनीश अरोड़ा को सदस्य बनाया गया है। जांच कमेटी जल्द ही अपनी विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर जिला मजिस्ट्रेट को सौंपेगी।