सरिस्का वन क्षेत्र से वन्य जीवों के बाहर निकलने के अक्सर मामले सामने आते रहते है लेकिन जब बाघ और बघेरे शहर में घुस जाते है तो दहशत का माहौल बन जाता है इन दिनों भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके जिसमें अलवर शहर में बघेरे सड़को पर दौड़ते नजर आए जिसे रेस्क्यू करने में वन विभाग के पसीने छूट गए , अब हाल ही में सरिस्का के एक बाघ एसटी 2402 को राजगढ के रैणी से रेस्क्यू किया गया , यह बाघ पहले दौसा के महुआ खुर्द की तरफ पहुंचा जहा उसने एक महिला सहित तीन लोगों पर हमला किया , बाघ का वीडियो वायरल होने के बाद वन विभाग की टीम गांव पहुंची लेकिन उसे रेस्क्यू नहीं किया जा सका , उसके बाद बुधवार को टाइगर अलवर जिले के रैणी कस्बे के चिल्ताबास में एक घर में घुस गया जिससे हड़कंप मच गया , लगातार पीछा कर रही वन विभाग की टीमों ने गुरुवार सुबह बाघ को ट्रेंकुलाइज करने में सफलता हासिल की ..
डीएफओ सरिस्का अभिमन्यु सहारण ने बताया कि गुरुवार को सूचना मिली कि टाइगर एसटी-2402 रैणी के चिल्कीबास रोड स्थित एक मकान की रसोईघर में घुस गया। टाईगर की सूचना का पता चलने के बाद वनकर्मियों की टीम मौके पर पहुंची हैं। करीब 3 घंटे बाद टाइगर को ट्रैंकुलाइज कर लिया गया। टाइगर 1 जनवरी को दौसा में घुस गया था। वहां तीन जनों पर हमला किया था। उसके बाद वापस दौसा अलवर बॉर्डर की तरफ आया सुबह-सुबह टाइगर खुद ही पकड़ में आ गया। वरना खेतों में ट्रैकुलाइज करना मुश्किल हो जाता टाइगर को टैंकुलाइज कर लिया गया है।
चिल्की का बास गांव के रामदयाल के मकान की किचन खुली थी, जिस पर गेट नहीं था। उसी रसाई में टाइगर घुस गया था फिर वहीं पर आराम करने लगा। टीम ने पहले मॉनिटरिंग की। इसके बाद कार से मकान के पास पहुंचे। किचन के गेट से टाइगर का पीछे का कुछ हिस्सा नजर आ रहा था। टीम के डॉ. दीनदयाल में एक शॉट में ही टाइगर को ट्रैंकुलाइज कर दिया। कुछ सैकंड टाइगर के बेहोश होने का इंतजार किया गया। उसके बाद उसकी हलचल नहीं हुई तो उस पर जाल फेंका। बाद में उसे तुरंत 10 लोगों ने मिलकर कार में डाला। यह वनकर्मियों की बड़ी उपलब्धि रही। वरना टाइगर अग्रेसिव था, जनहानि होने का डर था। पहले दिन ही तीन जनों को गंभीर घायल कर चुका था ।
डीएफओ अभिमन्यू साहरण ने बताया कि ट्रैंकुलाइज करने में सरिस्का व रणथंभौर की 2 टीमों मुख्य मुख्य भूमिका रही। जिस किचन में टाइगर था। उसके चारो तरफ ओपन एरिया था। सुबह 5 बजे के आसपास सूचना मिलने पर तुरंत टीम भेज दी थी। टाइगर रसोई में नजर आया। पहले कुछ देर व्यवस्था करने में लग जाती है। करीब 9 बजे दीनदयालय मीना व जसकरण ने ट्रैंकुलाइज किया। 10 मिनट बेहोश होने में लगते हैं। उसके बाद स्ट्रैचर पर दबोच लेते हैं। बाद में जिप्सी से सरिस्का लेकर आ गए हैं। अब कुछ देर ऑब्जर्वेशन में रखेंगे। उसके बाद एनक्लोजर में रखा जाएगा ।
3 दिन से वनकर्मियों की टीम टाइगर के पीछे थी। पहले टाइगर दौसा की सीमा में था। वहां एक गांव में 3 लोगों पर हमला भी कर चुका है। उसके बाद बुधवार को वनकर्मियों की जिप्सी पर भी हमला किया था। गुरुवार सुबह से टाइगर के पगमार्क रैणी क्षेत्र की सीमा में मिले थे। दिन में कई जगह पगमार्क मिले थे। लेकिन शुक्रवार सुबह मकान की किचन में टाइगर के घुसने की सूचना मिली। उसके बाद टीमें वहां पहुंची। इस दौरान गांव के लोगों भी भीड़ भी उमड़ गई।
ट्रैंकुलाइज करने के लिए जयपुर व सरिस्का की टीमें आई। अलवर सरिस्का से डॉ. दीनदयाल मीणा सहित पूरी मेडिकल टीम भी साथ रही। टाइगर – 2402 कई महीनों से सरिस्का के बाहर घूम रहा था। अब अचानक व बांदीकुई के गांव में पहुंचने पर बुधवार 1 जनवरी को पता चला। उसके बाद गांव में दहशत हो गई। लेकिन टाइगर वापस खेतों में चला गया था। टाइगर के पीछे घूम रही वनकर्मियों की टीम पर भी टाइगर ने हमला करने का प्रयास किया।
बुधवार सुबह ही दौसा में 3 लोगों पर टाइगर ने हमला भी कर दिया था। बाद में वनकर्मियों की कार पर अटैक किया था। जिससे कार का शीशा टूट गया था। जिससे लग रहा है कि टाइगर आक्रामक हुआ है। इस कारण वनकर्मियों को अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है , दो दिन से टाइगर को सरसों के खेतों में ढूंढ़ने का प्रयास जारी रहा। ड्रोन से लिए गए फोटो में भी टाइगर ट्रैप हुआ। गुरुवार सुबह से खेतों में ही टाइगर के पगमार्क मिले।