यूपी की योगी सरकार ने अपराधियों पर नकेल कसने के लिए उनके अवैध ठिकानों पर बुलडोजर चलाकर पूरे देश में वाहवाही लूटी तो प्रदेश के कई अन्य राज्यो में भी यही चलन शुरू हो गया , जब भी कोई बड़ा अपराध होता तुरंत उसके अवैध मकान ,दुकान सहित अन्य निर्माण ढहाने का काम शुरू हो गया लेकिन इस पर अब सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है , सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर न्याय को संविधान के विरुद्ध बताते हुए पूरे देश में एक अक्टूबर तक इस तरह की कार्यवाहियों पर रोक लगा दी है । फिलहाल सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बिना कोई बुलडोजर कार्यवाही नही होगी । हालांकि कोर्ट का ये आदेश निजी सपंत्ति पर होने वाले एक्शन को लेकर है।
दरअसल पिछले कुछ सालों में उत्तर प्रदेश ,राजस्थान ,मध्य प्रदेश और गुजरात में ऐसे कई मामले सामने आ चुके है जहां अपराधियों के अवैध ठिकानों पर बुलडोजर चला , हालांकि सरकारों का कहना है सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद कार्यवाही की गई , सभी अवैध निर्माण थे जिन्हे पहले नोटिस दिया गया ,संतुष्टि वाला जवाब नही मिलने पर कार्यवाही की जाती है ,
लेकिन अब इस पर सुप्रीम कोर्ट ने एक अक्टूबर तक रोक लगा दी है । कोर्ट ने कहा अगली समय तक बिना हमारे आदेश के देश में आपराधिक मामले के आरोपियों सहित कहीं भी इस तरह का धावस्तीकरण नहीं किया जाएगा , कोर्ट ने कहा अगर अवैध रूप से धवस्तीकरण का एक भी मामला है तो यह संविधान के मूल्यों के खिलाफ है । इसके साथ ही जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की पीठ ने स्पष्ट किया कि आदेश आरोपियों की निजी संपत्ति पर एक्शन को लेकर है , यह सड़क , फुटपाथ और जल स्रोत आदि पर बने अनाधिकृत ढांचे ढहाने पर लागू नहीं होगा । यह आदेश मामले की अगली सुनवाई 1 अक्टूबर तक जारी रहेगा , कोर्ट अगली सुनवाई पर बुलडोजर एक्शन के संदर्भ में दिशा निर्देश जारी करेगा
सुप्रीम कोर्ट में याचिका कर्ता की तरफ से पेश हुए वकील सी यू सिंह ने कहा ऐसे अनेक मामले सामने आए जहां कोर्ट में मामले चल रहे है लेकिन उन्हें भी ढहा दिया गया , दरअसल इस मामले में आरोप लगे की भाजपा शासित राज्यो में ज्यादातर विशेष समुदाय के खिलाफ ही कार्यवाही की जाती रही है जिस पर जमीयत उलेमा ए हिंद सहित अन्य ने बुलडोजर एक्शन के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है ।