नाबालिग से यौन शोषण के आरोप में सजा काट रहे आसाराम 11 साल बाद आखिर जमानत पर बाहर आ गए है ,हालांकि यह अंतरिम जमानत 31 March तक की मिली हुई है इसमें भी कोर्ट द्वारा निर्देशित शर्तों का पालन करना होगा , देर रात जोधपुर के एक निजी अस्पताल से ही उन्हें जमानत पर रिहा किया गया इस दौरान अस्पताल के बाहर उनके समर्थकों की भारी भीड़ जमा थी ।
कभी विख्यात संत रहे आसाराम पिछले 11 साल से जोधपुर और अहमदाबाद के दो अलग अलग दुष्कर्म के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे है , इस दौरान आसाराम की जमानत के लिए देश के नामी दिग्गज वकीलों ने पैरवी की लेकिन जमानत नहीं मिल पाई , यह जमानत मेडिकल ग्राउंड पर मिली है उनका पिछले कई दिनों से अस्पताल में इलाज चल रहा था , उन्हें अस्पताल से ही रिहा किया गया इस दौरान अस्पताल के बाहर उनके समर्थकों की भीड़ जमा थी ..
आसाराम जोधपुर और अहमदाबाद के दो अलग-अलग दुष्कर्म मामलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है , गुजरात हाई कोर्ट में 16 बार जमानत याचिका लगाई गई लेकिन सभी खारिज हो चुके थी , इसी तरह जोधपुर मामले में बार-बार अलग-अलग कोर्ट में जमानत याचिकाएं खारिज हुई , अब 11 साल 75 दिन बाद राजस्थान हाई कोर्ट से आसाराम को राहत मिली है पहली बार आसाराम को मेडिकल ग्राउंड पर 31 मार्च 2025 तक अंतिम जमानत मंजूर के गए हैं , जस्टिस दिनेश मेहता और जस्टिस विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ में एसओएस याचिका पेश की गई थी , हाई कोर्ट में कहा गया कि आसाराम पोक्सो अदालत द्वारा 25 अप्रैल 2018 दी गई आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं , 7 जनवरी 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने भी गुजरात केस में अंतरिम जमानत दी है अब हाई कोर्ट भी सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद अंतिम जमानत मंजूर करें ताकि आसाराम का उचित उपचार करवा सके , इस दौरान पीड़िता के वकील ने विरोध किया इसके बाद कोर्ट ने आसाराम के उपचार सुप्रीम कोर्ट की शर्तों के अनुसार अंतिम जमानत मंजूर कर ली
आपको बता दे आसाराम की जमानत के लिए पिछले 11 सालों में देश के कई दिग्गज वकीलों ने कोर्ट में प्रयास किए जिसमें राम जेठ मलानी , सलमान खुर्शीद ,ओंकार सिंह लखावत ,सी वी नागेश ,केटीएस तुलसी ,के के मेनन सहित सुब्रमण्यम स्वामी जैसे वकील पैरवी कर चुके है ।
सुप्रीम कोर्ट से गुजरात मामले में आसाराम को पहले ही अंतरिम जमानत मिल चुकी थी अब जोधपुर मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने जमानत दी हैं जिसमें निर्देश दिए है कि इस दौरान आसाराम अपने अनुयायियों से नहीं मिल सकते ,साधकों से सामूहिक मुलाकात और प्रवचन नहीं करेंगे और हमेशा 3 गार्ड उनके साथ रहेंगे जिनका खर्च आसाराम उठाएंगे ।