18 वीं लोकसभा शुरू होते ही जहां लोकसभा स्पीकर ने बैठते ही इमरजेंसी पर तत्कालीन सरकार पर प्रहार किया वही उसके बाद अब कंगना रनोत की फ़िल्फ़ इमरजेंसी का पोस्टर जारी होने से फिर सियासी पारा चढ़ गया है ।
25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा देश भर में लागू की गई इमरजेंसी पर कंगना रनोत अभिनीत फिल्म इमरजेंसी वैसे तो 25 जून को चंदू चैंपियन के साथ रिलीज होनी थी लेकिन चुनावी व्यस्तताओं के चलते इसकी तारीख 6 सितंबर कर दी गयी ।
फिल्म इमरजेंसी के एसोसिएट राइटर जयंत सिन्हा बताते हैं, ‘फिल्म में काफी रिसर्च वर्क है, पर इसका मतलब यह नहीं है कि इसकी कमर्शियल वैल्यू को किनारे पर रख दिया गया है। दोनों पहलुओं में सटीक संतुलन साधा गया है। इंदिरा गांधी से जुड़ी कई ऐतिहासिक जरूरी जगहों पर रिसर्च के लिए लोग गए, जैसे इंदिरा गांधी मेमोरियल, फिर लखनऊ विधानसभा की लाइब्रेरी। वहां बुक फॉर्म में तत्कालीन लोकसभा की प्रोसिडिंग रखी हुई हैं। हमने 1975 से 77 तक और फिर जिस पीरियड में इमरजेंसी लगी थी तब तक की लोकसभा में बहस क्या होती थीं, वह सारी रिसर्च वहां से ली है।
जयंत दावा करते हैं कि कंगना जी एमपी बन गई हैं तो आलोचकों को लग रहा होगा कि यह एक प्रोपेगेंडा है टारगेट करने के लिए, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। हमारी फिल्म अनाउंस हुई थी 2021 में और उनको टिकट मिला था 2024 में। तो तब तो हमको पता नहीं था। ऐसा सवाल आता है कि क्या यह एंटी इंदिरा फिल्म है या एंटी कांग्रेस फिल्म। तो कोई भी किसी को एंटी दिखाने के लिए अपना करिअर दांव पर नहीं लगा सकता है। कंगना आगे भी फिल्म करेंगी।’
कुल मिलाकर कंगना रनोत अब भाजपा की सांसद है और भाजपा ने 25 जून को देशभर में आपातकाल का काला दिवस घोषित कर प्रदर्शन किया था अब इमरजेंसी फ़िल्म से क्या संदेश जाने वाला है यह देखने की बात होगी ।