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राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर ‘एंपावरिंग अलवर गर्ल्सः डायलॉग विद डिस्ट्रिक कलक्टर‘ थीम पर कार्यक्रम आयोजित…

अलवर
24 जनवरी

जिला कलक्टर डॉ. अर्तिका शुक्ला ने जिले में उच्चतम अंक प्राप्त करने वाली बालिकाओं से बातचीत करते हुए कहा कि आत्मविश्वास के साथ कड़ी मेहनत करते हुए अपने लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। लक्ष्य प्राप्ति के दौरान बीच में मिलने वाली असफलताओं से सीख लेकर लगातार आगे बढ़ते रहना चाहिए।

जिला कलक्टर डॉ. अर्तिका शुक्ला ने शुक्रवार को कलक्ट्रेट सभागार में राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर महिला अधिकारिता विभाग द्वारा ‘एंपावरिंग अलवर गर्ल्सः डायलॉग विद डिस्ट्रिक कलक्टर’ थीम पर आयोजित कार्यक्रम में जिले की 10वीं एवं 12वीं कक्षा की टॉपर बालिकाओं से संवाद  करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि आप सभी यहां अपनी स्वयं की प्रतिभा के बल पर उपस्थित हुई है। आगामी 15 वर्ष में अनुकूल या प्रतिकूल परिस्थितियों में भी आप सभी अपनी काबिलियत के बल पर सर्वाेच्च मुकाम हासिल कर सकती हैं। 

जिला कलक्टर ने बालिका स्वाति, प्रियंका, अंकिता, भूमिका, शिक्षक स्वाति शर्मा एवं बच्चियों के परिवारजनों द्वारा कैरियर गाइडेंस एवं आईएएस कैसे बना जाए इत्यादि प्रकार के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि पहले अपने लक्ष्य का निर्धारण करें, तत्पश्चात अपने परिवारजनों, शिक्षकों व आइडियल से प्रेरणा लेकर कठोर मेहनत करते हुए लक्ष्य प्राप्ति करें। उन्होंने बालिकाओं के परिवारजनों से भी अपील की कि बच्चियों को अपनी शैक्षणिक प्रतिभा को निखारने का पूर्ण मौका दें, पढ़ाई के अलावा अन्य कार्य में ना लगाएं। जिला कलक्टर ने अपने जीवन के अनुभवों एवं आईएएस बनने की यात्रा के बारे में विस्तारपूर्वक अवगत करवाते हुए सभी बालिकाओं की जिज्ञासाओं को सुनकर अपने सुझाव दिए।

उन्होंने कहा कि जीवन में कभी पूर्ण संतुष्टि प्राप्त नहीं होती है, हमेशा ओर अच्छा करने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए। सभी बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ अपने सर्वांगीण विकास पर बल दें, उसी से आपके व्यक्तित्व में निखार होता है। उन्होंने कहा कि आईएएस बनने के लिए किसी विशेष स्किल की आवश्यकता नहीं होती है, ना ही ग्रामीण व शहरी परिवेश का असर होता है, बल्कि आत्मविश्वास के साथ कड़ी मेहनत ही सफलता दिलाती है।

महिला अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक  ऋषिराज सिंगल ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य बालिकाओं को अपने विचार व्यक्त करने का मंच प्रदान करना, जिला प्रशासन को बालिकाओं की समस्याओं और आकांक्षाओं से अवगत कराना तथा बालिकाओं को प्रेरित करना और उनके अधिकारों व सशक्तिकरण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर सभी को बेटी बचाओ, बेटी पढाओ की शपथ भी दिलाई गई।

इन्हें किया गया सम्मानित

 महिला अधिकारिता विभाग के उप निदेशक ने बताया कि इस अवसर पर जिला स्तर पर 10वीं परीक्षा में सर्वाेत्तम अंक प्राप्त करने वाली 10 बालिकाओं जिनमें जीजीएसएसएस राजगढ की बालिका स्वाति शर्मा, जीएसएसएस पुराना राजगढ की बालिका रिया सैनी, जीएसएसएस खेरली रेल की बालिका गौरी सिंह, जीएसएसएस साहडोली की बालिका तनिशा राठौड, जीएसएसएस खेडा महमूद की बालिका सलोनी मजोका, जीएसएसएस गढबसई की बालिका पिंकी सैनी, जीएसएसएस बामनवास की बालिका खेलंता मीणा, जीएसएसएस बडेर की बालिका साक्षी नरूका, जीएसएसएस खानपुर जाट की बालिका भारती वर्मा, एमजीजीएस बरखेडा की बालिका मोनिका सैनी

वही जिला स्तर पर 12वीं परीक्षा में सर्वाेत्तम अंक प्राप्त करने वाली 10 बालिकाओं जिनमें जीएसएसएस खानपुर जाट की बालिका अंकिता व पायल, जीजीएसएसएस माचाडी की बालिका भूमिका शर्मा, जीएसएसएस घडी धानेटा की बालिका पूजा रानी, जीजीएसएसएस एसएमडी की बालिका कोमल सैनी व तमन्ना कश्यप, जीजीएसएसएस की बालिका निशा, जीजीएसएसएस थानागाजी की बालिका काजल मीणा व प्रियंका मीणा एवं जीएसएसएस देसूला की बालिका संजना को प्रशस्ति पत्रा, बेटी-बचाओ, बेटी-पढ़ाओ लोगो युक्त मग एवं 5 हजार रुपए की सम्मान राशि प्रदान की गई।

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