नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल की मोर्चरी के बाहर हेड कांस्टेबल बाबूलाल बैरवा सुसाइड मामले के बाद धरने पर बैठे परिजनों को सांत्वना देते हुए प्रदेश की भाजपा सरकार पर सवाल खड़े किए।
जूली ने कहा कि पुलिस के उच्च अधिकारियों और एक अन्य की प्रताड़ना से परेशान होकर निष्ठावान सिपाही ने मौत का रास्ता अपनाया जो भाजपा सरकार पर सवाल खड़े करताहै। उन्होंने कहा कि किसी के घर का चिराग बुझ गया और प्रदेश की सरकार अभी तक आरोपियों को गिरफ्तार करने में शिथिलता बरत रही है। जूली बोले पुलिसकर्मी को अपने ही उच्च अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित करना शर्मनाक है।उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच करानी चाहिए ताकि काले कारनामे करने वाले शख्स बेनकाब हो सके। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले में तुरंत एक्शन लेते हुए परिवार को सरकारी नौकरी और मुआवजा देने के साथ आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने के लिए कार्रवाई अमल में लानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि ये एक विशेष प्रकृति का मामला है जिसमें एक कनिष्ठ पुलिसकर्मी की जान गई है एवं जान देने के लिए मजबूर करने का आरोप वरिष्ठ पुलिसकर्मियों पर है। दलित पारिवारिक पृष्टभूमि से आने वाले बैरवा ने सुसाइड नोट में नामजद पुलिस अधिकारियों व एक अन्य व्यक्ति पर आरोप लगाए हैं।
इस मामले की तह तक जाकर सच सामने लाने एवं पीड़ित परिवार के साथ न्याय करने के लिए निष्पक्ष जांच जरूरी है। जूली ने कहा कि पुलिस का रवैया एकपक्षीय है,पुलिस मुख्यालय को अविलंब रूप से आरोपियों पर कार्रवाई करनी चाहिए।