लोकसभा चुनांव 2024 के चुनांव में नागौर सीट से राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल ने इंडिया गठबंधन के साथ मिलकर चुनांव लड़ा और भाजपा प्रत्याशी ज्योति मिर्धा को हराकर जीत हासिल की , ज्योति मिर्धा भले ही चुनांव हार गई हो लेकिन वह हिम्मत नही हारी , हाल ही में वह अपने समर्थकों को भाषण देते हुए हनुमान बेनीवाल के बारे में कहा था कभी कोंग्रेस की बैसाखियों की तो कभी भाजपा के सहारे चुनांव जीतते है फिर घुटनो के बल चलकर भाजपा में आएंगे ।
इस दौरान ज्योति मिर्धा ने ऐलान किया है की लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है , उन्होंने अपने राजनीतिक विरोधियों को खुली चुनौती देते हुए कहा कि नागौर में वही घोड़े और वही मैदान मौजूद है, जहां नागौर वासियों के हितों की लड़ाई जारी रहेगी।
इस पर अब नागौर सांसद (Nagaur MP) ने पलटवार करते हुए कहा कि, ‘ज्योति मिर्धा की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. पिछले 2 दिन से वो डिप्रेशन में है, और डॉक्टर उनका इलाज कर रहे हैं. वे चाहे जो बयानबाजी करें, लेकिन राजस्थान में हनुमान बेनीवाल को कोई चैलेंज नहीं कर सकता.’
बार बार दल बदलने पर हनुमान बेनीवाल ने कहा की ‘मिर्धा के दादाजी थे, जो बार-बार पार्टी बदलते थे. मैंने तो राजस्थान के अंदर खुद की पार्टी बनाई है. जाट कौम से बड़े-बड़े नेता हुए हैं. मगर मैंने अपनी पार्टी के 3 एमएलए बनाए हैं. खुद भी एमएलए बना. इंडिया गठबंधन समझौता करने के लिए मेरे पीछे-पीछे घुमी. अब 3 दिन से मैं चाहता तो BJP में जा सकता था. लेकिन मैं आज भी सत्ता के खिलाफ इंडिया गठबंधन के साथ खड़ा हूं. मैं इनकी तरह नहीं हूं. ज्योति मिर्धा की तबीयत खराब है और उसे आराम की आवश्यकता है.’
आपको बता दे ज्योति मिर्धा हाल में हुए विधानसभा चुनावों से पहले कोंग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गयी थी , यहां से ज्योति ने पिछला लोकसभा का चुनाव कोंग्रेस के प्रत्याशी के तौर पर लड़ा था लेकिन भाजपा गठबंधन पर लड़े हनुमान बेनिवाल से वह चुनांव हार गई थी , 2024 के लोकसभा चुनावों में हनुमान बेनीवाल ने भाजपा का साथ छोड़कर पाला बदला और इण्डिया गठबंधन से मिलकर चुनांव लड़ा , इनके सामने भाजपा ने ज्योति मिर्धा को उतारा था लेकिन इस बार भी हनुमान बेनीवाल की जीत हुई ।
लेकिन ज्योति मिर्धा के आये बयानों से सियासी पारा काफी हाई हो गया है ।