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क्या डॉक्टर किरोड़ी की पारी खत्म हो रही है,,फोन टैपिंग..नहीं थम रहा बवाल…

राजस्थान की पूर्ववती गहलोत सरकार के खिलाफ लगातार विभिन्न मुद्दों पर सुर्खियों में रहने वाले डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा अब प्रदेश की अपनी ही भाजपा की सरकार पर निशाना साध रहे है पिछले दिनों उनका एक वीडियो सामने आया जिसमें वह कहते सुनाई दिए कि उनके फोन टैपिंग किए जा रहे है , किरोड़ी लाल के इस बयान के बाद प्रदेश में सियासी भूचाल आ गया ,राजनैतिक गलियारों में यहां तक चर्चा होने लगी कि कही डॉक्टर किरोड़ी पार्टी से बगावत तो नहीं करने वाले ,जबकि प्रदेश की भजनलाल सरकार में उन्हें मंत्री भी बनाया गया लेकिन उन्होंने मंत्रिपद से स्तीफा दे दिया भले ही वह मंजूर नहीं किया गया है लेकिन अब डॉक्टर किरोड़ी के फोन टैपिंग वाले बयान के बाद पार्टी सख्ती के मूड में नजर आ रही है , पार्टी ने डॉक्टर किरोड़ी को नोटिस भेजकर तीन दिन में जवाब मांगा है । अब मंत्री किरोड़ी लाल मीणा की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। आइए जानते हैं पूरा मामला

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सोमवार को भाजपा के विधायक और कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। सरकार पर फोन टैपिंग के आरोपों पर राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष मदन राठौड़ ने उनसे तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है।

आपको बता दें कि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने अपनी ही सरकार पर फोन टैपिंग और जासूसी के आरोप लगाए थे। उन्होंने दावा किया था कि सरकार उनकी गतिविधियों पर नजर रख रही है। सार्वजनिक कार्यक्रम में दिए इस बयान से भाजपा के भीतर हलचल मच गई और पार्टी ने इसे अनुशासनहीनता माना। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस ने विधानसभा में जमकर हंगामा किया था।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ के नोटिस में लिखा गया है कि किरोड़ी लाल मीणा पार्टी के सदस्य होने के साथ सवाई माधोपुर से भाजपा विधायक और मंत्री हैं, लेकिन उन्होंने सरकार पर गलत आरोप लगाकर पार्टी और सरकार की छवि धूमिल की है। भाजपा ने इसे पार्टी के संविधान का उल्लंघन माना और अनुशासन भंग की परिभाषा में रखा है।

नोटिस में यह भी साफ कहा गया है कि अगर किरोड़ी लाल मीणा 3 दिन में जवाब नहीं देंगे तो इसे उनकी स्वीकृति माना जाएगा और आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस नोटिस के जारी होने के बाद राजस्थान की राजनीति में हलचल बढ़ गई है। माना जा रहा है कि भाजपा की इस कार्रवाई से पार्टी में अंदरूनी मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं।

कुलमिलाकर फिलहाल कह सकते है एक तरफ डॉक्टर किरोड़ी लगता नहीं कि वह पार्टी के भेजे नोटिस से दबाव में आने वाले है वही इस बार पार्टी भी डॉक्टर किरोड़ी के आगे झुकने वाली नहीं है ऐसे में यह माना जा रहा राजस्थान की राजनीति में फिर कुछ नया होने वाला है ।

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