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गौतम अदाणी रिपोर्ट से चर्चा में आई हिंडनबर्ग कंपनी हुई बंद, मार्क जुकरबर्ग की मेटा ने भी टेके घुटने.

अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले अमेरिका की दो बड़ी कंपनियों ने भारत के सामने घुटने टेक दिए हैं. एक है मार्क जुकरबर्ग की मेटा और दूसरी है हिंडनबर्ग रिसर्च. मेटा जहां भारत को लेकर दुनिया में गलत खबरें फैला रही थी तो हिंडनबर्ग उद्योगपति गौतम अदाणी और उनके समूह के खिलाफ रिपोर्ट जारी कर रही थी.

यह दोनों कंपनियां अपने-अपने क्षेत्र की दिग्गज कंपनियां मानी जाती हैं. इनमें एक मार्क जुकरबर्ग की मेटा और दूसरी है हिंडनबर्ग रिसर्च. मेटा खासतौर से जुकरबर्ग जहां भारत को लेकर दुनिया में गलत खबरें फैला रहे थे तो हिंडनबर्ग उद्योगपति गौतम अदाणी और उनके समूह के खिलाफ रिपोर्ट जारी कर रही थी. मेटा को अपनी गलती का एहसास हुआ और वो माफी भी मांग चुकी है, तो वहीं हिंडनबर्ग का शटर डाउन हो गया है. उसने शुक्रवार को इसका ऐलान खुद कर दिया है ।

आपको बता दे हिंडनबर्ग अमेरिका की निवेश और रिसर्च कंपनी है. उसे बंद करने का फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब अमेरिका में सत्ता का ट्रांसफर होने वाला है. नाथन एंडरसेन ने 2017 में इसकी शुरुआत की थी.

हिंडनबर्ग रिसर्च पिछले कुछ वर्षों से अदाणी समूह के खिलाफ अभियान चला रही थी. इसकी 2023 में छपी रिपोर्ट में अदाणी समूह पर शेयरों के भाव में हेराफेरी तथा वित्तीय गड़बड़ियों का आरोप लगाया था. उस समय इससे भारतीय अरबपति को अरबों डॉलर का नुकसान हुआ था. अदाणी और उनकी कंपनियों ने हालांकि सभी आरोपों से इनकार किया था.

फेसबुक की मूल कंपनी मेटा ने मार्क जुकरबर्ग की उस टिप्पणी के लिए माफी मांगी, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत की मौजूदा सरकार 2024 के चुनावों में हार गई थी. जुकरबर्ग ने एक पॉडकास्ट में कहा था, 2024 के चुनावों में भारत सहित अधिकांश मौजूदा सरकारों को कोविड महामारी के बाद हार का सामना करना पड़ा.

उनके इस बयान पर भारत सरकार ने आपत्ति जताई. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भारत के बारे में भ्रामक बयान देने के लिए जुकरबर्ग की आलोचना की थी. वैष्णव ने 13 जनवरी को एक्स पर एक पोस्ट में कहा था, जुकरबर्ग का यह दावा कि 2024 के चुनावों में भारत सहित अधिकांश मौजूदा सरकारों को कोविड महामारी के बाद हार का सामना करना पड़ा, तथ्यात्मक रूप से गलत है.

कुल मिलाकर ट्रंप सरकार के आने से पहले दो बड़ी कंपनियों के इस निर्णय के बाद देश में एक नई राजनैतिक बहस छिड़ गई है ..

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