आगामी दिनों में ओने वाले हरियाणा विधानसभा चुनावों से पहले सियासी गठजोड़ की शुरुआत हो गयी है , पिछले दस सालों से काबिज भाजपा को इस बार कई चुनोतियो का सामना करना पड़ेगा , दरअसल हरियाणा में चाहे किसानों का मुद्दा हो या पहलवानों साथ ही महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर तो विपक्ष सरकार को घेरने की पूरी तैयारी में है वही दुष्यंत चौटाला की जेजीम पार्टी और भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी के गठजोड़ से भी हरियाणा में अच्छा खासा प्रभाव हो सकता है आज हरियाणा विधानसभा चुनावों पर करेंगे समीक्षा ।
दरअसल हरियाणा की आबादी में 21 प्रतिशत दलित आबादी रहती है…जिसके चलते अब एएसपी की एंट्री से नए सिरे से इसमे सेंधमारी शुरू हो गयी है दरअसल दुष्यंत चौटाला और चंद्रशेखर दोनों ही युवा नेता है , और चंद्रशेखर को दलित आंदोलन के वर्तमान के रूप में देखा जा रहा है हालांकि यहां से बसपा पार्टी भी 1998 से चुनांव लड़ती आयी है लेकिन वह कभी प्रमुख पार्टी नही बन पाई इसलिए अब बसपा सुप्रीमो मायावती को दलित आंदोलन का अतीत मानने लगे है ।
अब हरियाणा में जेजेएम और एएसपी के इस नए सियासी गठजोड़ को जाट-दलितों का गठजोड़ कहा जा रहा है. अगर यह गठबंधन कामयाब रहता है तो दुष्यंत चौटाला की सियासत चमक सकती है. भीम आर्मी, भले ही पहली बार हरियाणा की सियासत में ताल ठोक रही है लेकिन उसके बढ़ते प्रभाव से इनकार भी नहीं किया जा सकता है.
भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद उत्तर प्रदेश की नगीना लोकसभा सीट से जीतकर सांसद बने है , चंद्रशेकर आजाद दलित समुदाय के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं. उनका क्रेज, पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लकेर हरियाणा, पंजाब और बिहार तक है. ऐसे में बहुजन राजनीति के नए चेहरे के रूप में उभर कर आ रहे हैं चंद्रशेखर आजाद ,
दुष्यंत चौटाला जाट नेता हैं. हरियाणा में जाट आबादी करीब 25 प्रतिशत है. वही दलित समाज की आबादी करीब 21 प्रतिशत बताई जाती है जिसमें करीब 15 सीट दलितों के लिए आरक्षित है ,
दलित वोटरों को रिझाने के लिए दुष्यंत चौटाला का कहना है कि जब चौधरी कांशीराम ने दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया था तब चौधरी देवी लाल सबसे पहले आए और उनका समर्थन किया. उस समय कांशीराम ने मांग की थी कि बी आर अंबेडकर को भारत रत्न से सम्मानित किया जाए. जब देवी लाल उप प्रधानमंत्री बने, तो बी आर अंबेडकर को न केवल भारत रत्न से सम्मानित किया गया, बल्कि संसद में उनकी प्रतिमा भी लगाई गई.
दुष्यंत चौटाला की पार्टी ने 2019 में दस सीट जीती और भाजपा के साथ गठजोड़ कर त्रिशंकु सरकार बनाई बाद में उन्होंने भाजपा से नाता तोड़ लिया अब एक बार फिर दुष्यंत ने चन्द्रशेखर के साथ गठजोड़ कर सियासी पारा तो बढ़ा ही दिया है ।
दुष्यंत चौटाला ने अभय चौटाला की इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) से बागी होकर ही जन नायक जनता पार्टी बनाई थी. अब ऐसा माना जा रहा है INLD और बहुजन समाज पार्टी में गठबंधन हो सकता है । इसके जवाब में ही दुष्यंत ने आजाद समाज पार्टी से गठबंधन कर लिया है ।
हरियाणा में बीजेपी सरकार से किसान नाराज हैं. पहलवान नाराज हैं. सरकार के प्रति बेरोजगारी को लेकर भी गुस्सा है. दुष्यंत चौटाला और चंद्रशेखर आजाद, दोनों नए चेहरे हैं इसलिए दोनों, युवाओं में खासे लोकप्रिय भी हैं. देखने वाली बात ये है कि हरियाणा की जनता, इस नए गठजोड़ को अपना समर्थन देती है या नहीं.