खबर मुंबई की है करीब 6 साल पहले एक सलून एग्जीक्यूटिव और चार्टर्ड अकाउंटेंट कीर्ति व्यास ऑफिस जाने के लिए निकली थी लेकिन बीच में ही लापता हो गई थी। कीर्ति की बॉडी का अब तक पता नहीं चल पाया है। इस मामले में एक सत्र अदालत ने मंगलवार को कीर्ति के दो पूर्व साथियों सिद्धेश तम्हंकर (42) और कविता सिधवानी (48) को उम्र कैद की सजा सुनाई है। अदालत के आदेश पर दोनों के नाम बदले गए हैं। सोमवार को सत्र न्यायाधीश एमजी देशपांडे ने दोनों को हत्या, किडनैपिंग और सबूत नष्ट करने के आरोपों में दोषी ठहराया था। इस पूरे हत्याकांड का कैसे पुलिस ने खुलासा किया और क्यों कीर्ति की हत्या की गई जानते है पूरी कहानी
कीर्ति के अचानक लापता होने और उसके फोन बंद आने के बाद किसी अनहोनी का अंदेशा होने लगा था , पुलिस में मामला आने के बाद छानबीन शुरू हुई तो अंतिम बार कीर्ती को सिद्धेश और कविता के साथ देखा गया था , पुलिस ने जब उनकी कार की डिक्की को खवल कर देखा तो उसमें खून की बूंद नजर आयी पुलिस ने उस ब्लड का डीएनए कीर्ती की माता पिता से मिलान किया तो उसकी पुष्टि हो गयी , उसके बाद पुलिस ने जब उन दोनों को कस्टडी में लेकर पूछताछ की तो मामला खुल गया ,
दरअसल कीर्ति अंधेरी में स्थित बीब्लंट सलून में एग्जीक्यूटिव थी। फरवरी 2018 को कीर्ति व्यास ने काम को लेकर दोनों आरोपियो को नोटिस थमाया था। इसके बाद 16 मार्च को दोनों ने कीर्ति को ऑफिस ड्रॉप करने की बात कहते हुए कार में बैठाया। इसके बाद उन्होंने कीर्ती का गला घोटकर उसकी हत्या कर दी। 5 मई को पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया और जुलाई में इस मामले में 1000 पन्ने की चार्जशीट दाखिल की गई थी ।