पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा पर अपने समर्थकों के साथ 28 मार्च 2022 को धौलपुर के बाड़ी में दलित इंजीनियर हर्षाधिपति के साथ मारपीट करने का मामला हुआ था. आरोप है कि पूर्व विधायक गिर्राज मलिंगा ने अपने साथियों के साथ अभियंता के कार्यालय में घुस कर हर्षाधिपति पर कुर्सी से हमला किया और बुरी तरह मारपीट की. मलिंगा पर इंजीनियर को जातिसूचक गालियां भी देने का आरोप लगाया था. इसके बाद मारपीट समेत एससी-एसटी एक्ट में मलिंगा पर मामला दर्ज हुआ था…इस मामले में 17 मई, 2022 को राजस्थान हाई कोर्ट से गिर्राज मलिंगा को जमानत मिल गई थी . पूर्व विधायक मलिंगा की रिहाई के बाद रोड शो निकाल कर जश्न मनाया गया था , इसके बाद 24 मई को याचिकाकर्ता ने जमानत रद्द करने की मांग करते हुए चिंता जाहिर की थी कि रिहाई के बाद मलिंगा न्याय प्रक्रिया को कमजोर कर सकता है. 5 जुलाई को जमानत के बाद मलिंगा के सार्वजनिक आचरण (भड़काऊ टिप्पणियां और शक्ति प्रदर्शन शामिल) के साक्ष्य और आरोपों को देखते हुए हाई कोर्ट ने उनकी जमानत रद्द कर दी और उन्हें 30 दिनों के भीतर आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया…
जिसके बाद 22 जुलाई 2024 को पूर्व विधायक मलिंगा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए 08 नवंबर को गिर्राज सिंह मलिंगा को दो हफ्ते में सरेंडर करने का आदेश दिया था. फिलहाल गिर्राज मलिंगा ने एक बार फिर से कोर्ट में सरेंडर कर दिया है. जहा उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है अब इस मामले में 13 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट मामले में अगली सुनवाई करेगा…
पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने बुधवार को एससी-एसटी कोर्ट में सरेंडर कर दिया है. उस पर कोर्ट ने पूर्व विधायक को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने धौलपुर के बाड़ी में दलित सहायक अभियंता हर्षाधिपति के साथ मारपीट मामले में गिर्राज सिंह को सरेंडर करने का आदेश दिया है.