राजस्थान के दौसा जिले में एक बार फिर बोरवेल में एक पांच साल के बालक के गिर जाने का मामला सामने आया है जिसकी जान बचाने में जिला प्रशासन सहित एसडीआरएफ ,एनडीआरएफ और पुलिस प्रशासन मुस्तैदी से जुटा हुआ है , करीब डेढ़ सौ फीट नीचे फंसे पांच साल के आर्यन को बोरवेल में गिरे हुए करीब 48 घण्टे हो चुके है , बच्चे को बोरवेल में ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही है कैमरे डाल कर उसकी हलचल पर भी निगाह रखे हुए है उधर बोरवेल के बगल में ही जेसीबी से बोरवेल के पैरलर खुदाई की जा रही है लेकिन जैसे जैसे समय बीत रहा है परिजनों और ग्रामीणों की धड़कने बढ़ी हुई है ।
आपको बता दे बोरवेल में गिरे आर्यन को अब तक करीब 46 से ज्यादा घंटे हो गए हैं। एनडीआरएफ-एसडीआरएफ के 6 देसी जुगाड़ बच्चे को निकालने में फेल रहे हैं। वहीं, ऑपरेशन में लगी 10 जेसीबी और दूसरी मशीनों की खुदाई भले ही कि जा रही है लेकिन इसमें समय काफी लग रहा है ।
दरअसल, सोमवार दोपहर करीब तीन बजे आर्यन अपनी मां के सामने ही खेलते खेलते खुले पड़े एक बोरवेल में गिर गया था। हादसा घर से करीब 100 फीट की दूरी पर हुआ था , बोरवेल को करीब तीन साल पहले खुदवाया गया था, लेकिन वो मोटर फंसने की वजह से काम नहीं आ रहा था। अधिकारियों का कहना है कि आर्यन अब उसी बंद मोटर के करीब फंसा हुआ है।
जिला कलक्टर देवेंद्र यादव ने बताया कि बच्चे को बाहर निकालने की पूरी कोशिश की जा रही है। बच्चा 150 फीट गहराई में फंसा हुआ है। उससे बातचीत के प्रयास किए गए, लेकिन सफलता नहीं मिली है
वही घटना की जानकारी लेने पहुंचे मंत्री डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा पहुंचे और प्रशासनिक अधिकारियो से चर्चा की साथ बोरिंगों को ही खुले छोड़ने वाले लोगो को समझाइश कर परिजनों को सांत्वना दी ।
इस घटना ने कई सवाल खड़े किए आखिर इस तरह के हादसों का जिम्मेदार कौन है इसमें लापरवाही पर कोई सख्त कार्यवाही नही होती जिसके चलते आये दिन बच्चे खुले पड़े बोरिंगों में बच्चो की मौत का कारण बन रहे है ऐसे में ग्रामीणों को भी समझना होगा कोई बोरिंग फेल हो जाये तो उसे तुरंत बंद भी कराए ताकि बच्चो की जान को कोई खतरा न बने