अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में तनखैया की सजा काट रहे अकाली दल के नेता और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पर फायरिंग का मामला सामने आया है । हमला करने वाला आरोपी नारायण सिंह चौरा 2004 में बुडैल जेल से CM बेअंत सिंह के हत्यारे आतंकियों को भगाने का आरोपित भी है।
इस फायरिंग में बादल बाल-बाल बचे। फायरिंग करने वाले शख्स नारायण सिंह चौरा को बदल के साथ मौजूद लोगों ने पकड़ लिया।
इस पूरी घटना का एक वीडियो भी वायरल हुआ है , बताया जा रहा है हमलावर नारायण सिंह चौरा एक खालिस्तानी आतंकी है और जेल से आतंकियों को भगाने समेत हथियारों की सप्लाई तक के मामले में जुड़ा रहा है ..
सुखबीर सिंह बादल पर यह हमला तब हुआ जब बादल स्वर्ण मंदिर के गेट पर पहरेदार की ड्यूटी कर रहे थे। यह सेवा उन्हें श्री अकाल तख़्त ने करने का आदेश दिया थे । अकाल तख़्त ने सुखबीर बादल को ‘तनखैया’ (धार्मिक मामलों में लापरवाही का दोषी) पाया जब पंजाब में बादल सरकार थी , श्री अकाल तख्त ने सुखबीर सिंह बादल के साथ ही सरकार में उनके साथ मंत्री रहे सभी लोगों को सजाएँ दी गई थी ।
बादल और अन्य लोग जब बुद्धवार को सेवा कर रहे थे उस समय सुखबीर सिंह सजा के अनुसार गेट पर पहरा दे रहे थे तभी नारायण सिंह चौरा ने इसी दौरान कमर से अपनी पिस्टल निकाली और बादल पर फायरिंग करने की कोशिश की। हालाँकि, उसे यहाँ मौजूद लोगों ने पकड़ लिया और पुलिस को सौंप दिया। हमलावर नारायण सिंह चौरा एक पुराना आतंकी है।
आपको बता दे नारायण सिंह 1984 में पाकिस्तान ट्रेनिंग के लिए भी जा चुका है। वह बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़ा रहा है। वह हथियारों की तस्करी में भी जुड़ा था। उसने एक किताब भी लिखी है। वह 2004 में बुडैल जेल से CM बेअंत सिंह के हत्यारे खालिस्तानी आतंकियों को भगाने का आरोपित भी है।
फिलहाल आरोपी को हिरासत में लिया गया है ।