लोकसभा चुनावों में राजस्थान में भाजपा को 25 में से मात्र 14 सीट मिल पाई , इस दौरान कई सीटो की चर्चा जोरों पर रही जिसमे भी सबसे ज्यादा जिसकी चर्चा रही वह दौसा थी , वजह है डॉ किरोड़ी लाल मीणा क्योंकि यहां से भाजपा के प्रत्याशी कन्हैयालाल मीणा के प्रचार के दौरान किरोड़ी मीणा ने यहां तक कह दिया था कि अगर दौसा से भाजपा प्रत्याशी हार गए तो वह मंत्रिमंडल से स्तीफा दे देंगे , चुनावो में कोंग्रेस प्रत्याशी मुरारी लाल मीणा जीत गए और भाजपा प्रत्याशी कन्हैया लाल मीणा की हार हो गयी , अब राजस्थान की राजनीति में जो सबसे बड़ा सवाल उठकर सामने आया, वो था किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफे का , चर्चा है डॉ किरोड़ी पिछले कई दिनों से अपने ऑफिस भी नही जा रहे न ही फाइलों को देख रहे है ।
डॉ किरोड़ी लाल मीणा राजस्थान की भजनलाल सरकार में कैबिनेट मंत्री है , दौसा में लोकसभा चुनावों में भाजपा प्रत्याशी कन्हैया लाल मीणा के प्रचार के दौरान मीणा का बयान था कि कन्हैया अगर चुनांव हार गए तो मंत्रिमंडल से स्तीफा दे देंगे , अशोक गहलोत सरकार में आंदोलनों के लिए मशहूर राजस्थान के जमीनी नेता किरोड़ी लाल मीणा के अब इस दावे पर खूब सवाल उठ रहे है , 4 जून को जब लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित हुए तो रिजल्ट न तो भाजपा के पक्ष में था और ना ही किरोड़ी लाल मीणा के पक्ष में. राजस्थान की कुल 25 सीटों में से 11 सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा. किरोड़ी लाल मीणा ने जिन सात सीटों की जिम्मेदारी ली थी, वहां भी भाजपा का प्रदर्शन निराशाजनक रहा. नतीजे घोषित होने के बाद किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफे को लेकर सवाल फिर से उठने लगे. यह सवाल होने लगा कि क्या किरोड़ी लाल मीणा अपने कहे अनुसार मंत्री पद छोड़ेंगे या नहीं. यदि छोड़ेंगे तो कब. इन चर्चाओं के बीच किरोड़ी लाल मीणा ने अपने इस्तीफे की चर्चा को उस समय और तेज कर दिया जब उन्होंने रिजल्ट के बीच सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा- रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाई पर वचन न जाई. किरोड़ी लाल मीणा के इस ट्वीट से लोग यह कयास लगाने लगे कि किरोड़ी लाल मीणा अपने वचन पर अडिग है.और जल्द ही मंत्री पद छोड़ सकते है ।
दरअसल डॉ किरोड़ी लाल मीणा को राजस्थान की जिन सात सीटों की जिम्मेदारी मिली उनमें भरतपुर, धौलपुर , करौली, अलवर, जयपुर ग्रामीण, दौसा, टोंक सवाई माधोपुर और झालावाड़ थी इन सात सीटों में 4 में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा. भरतपुर में कांग्रेस की संजना जाटव, धौलपुर करौली में कांग्रेस के भजनलाल जाटव, दौसा में मुरारी लाल मीणा तो टोंक सवाई माधोपुर में कांग्रेस के हरीश चंद्र मीणा ने जीत हासिल की है.
कहा जाता है डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा ने प्रचार में पूरी ताकत झोंकी लेकिन परिणाम नही मिला , जबकि पूर्वी राजस्थान में किरोड़ी लाल मीणा का अच्छा-खासा प्रभाव भी है , लोकसभा चुनाव प्रचार में पीएम मोदी दौसा में रोड-शो करने पहुंचे थे, तब भी किरोड़ी लाल मीणा प्रधानमंत्री मोदी के साथ-साथ मौजूद दिखे थे. वोटिंग के दिन ही किरोड़ी लाल मीणा ने दौसा ने भाजपा को जीत दिलाने के लिए वोट बारात तक निकाली थी. यही नहीं मतदान से पूर्व उन्होंने मीणा पंचायत तक की थी. लेकिन इन सब के बाद भी भाजपा को दौसा सहित चार सीटों पर हार का सामना करना पड़ा.
हालांकि किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफे पर कोई आधिकारिक बात तो अभी तक सामने नहीं आई है. इस्तीफे की अटकलों के बीच इतनी चर्चा जरूर है किरोड़ी लाल मीणा ने सरकारी गाड़ी छोड़ दी है. साथ ही 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद किरोड़ी लाल मीणा विभाग भी नहीं आ रहे हैं और न ही कोई फाइल देख रहे है जिसे लेकर सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गरम है