राजस्थान के टोंक जिले में उप-खंड मजिस्ट्रेट (SDM) को थप्पड़ मारने वाले देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा को शुक्रवार को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया उन पर राजकार्य में बाधा सहित हत्या का प्रयास और भी कई विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है , नरेश मीणा के खिलाफ पहले भी एक दर्जन से ज्यादा गंभीर मामले दर्ज है अब पुलिस प्रशासन नरेश मीणा के खिलाफ कड़े कदम उठाने के मूड में नजर आ रहा है इस बीच नरेश मीणा के पुलिस हिरासत में सलाखों के पीछे सोते हुए का फोटो भी सामने आया है । पहले आपको बताते है कोन है नरेश मीणा
13 नवंबर को देवली उनियारा के उपचुनाव में एक मतदान केंद्र के बाहर सब-डिवीजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) को थप्पड़ मारने के आरोप में गिरफ्तार किए गए कांग्रेस के बागी नरेश मीणा ने राजस्थान में विपक्षी पार्टी में शामिल होने से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिग्गज किरोड़ी लाल मीणा से राजनीति का पहला पाठ सीखा.
नरेश मीणा की राजनीति में शुरुआत 2003 में हुई जब वे राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्र संघ के महासचिव चुने गए. जोधपुर के जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष रहे शिव रवींद्र सिंह भाटी के विपरीत, मीणा को 2023 के राजस्थान विधानसभा चुनावों में बारां से चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस से टिकट नहीं मिला था ,
2023 में उन्होंने बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ा और बारां में 44,000 वोट पाकर कई लोगों को चौंका दिया.
इस बार नरेश मीणा देवली-उनियारा से चुनाव टिकट के लिए कांग्रेस के शीर्ष दावेदार थे, यह सीट हरीश मीणा के लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद खाली हुई थी, लेकिन वे नरेश मीणा के नामांकन के खिलाफ थे और टिकट केसी मीणा को मिल गया.
देवली-उनियारा में मीणा और गुज्जर समुदाय की अच्छी खासी मौजूदगी है, जहां उम्मीदवार इन दो प्रतिद्वंद्वी समुदायों से हैं. परंपरागत रूप से कांग्रेस ने मीणा का समर्थन किया है, जबकि भाजपा ने चुनावों में गुज्जर उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है…भाजपा ने इस साल उपचुनाव में विजय बैंसला को मैदान में उतारा है. हालांकि कांग्रेस ने नरेश मीणा को मनाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं माने और बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़े…
नरेश मीणा के खिलाफ भले ही करीब दो दर्जन मामले दर्ज हो लेकिन वह अपने समर्थकों में काफी लोकप्रिय हो चुके है , ‘छोटा किरोड़ी’ कहे जाने वाले नरेश मीणा एक समय किरोड़ी लाल मीणा को अपना गुरु मानते थे. 2017 में उन्होंने किरोड़ी लाल मीणा के माथे पर ‘तिलक’ करने के लिए अपनी उंगली काटकर सुर्खियां बटोरीं. हालांकि, वैचारिक मतभेदों के कारण दोनों अलग हो गए, लेकिन दोनों मीणा नेताओं ने अपने संबंध नहीं तोड़े.
अपनी गिरफ्तारी के इस दौर में अब नरेश मीणा को उम्मीद है तो सिर्फ किरोड़ी लाल मीणा से बताया जा रहा है देवली-उनियारा में भाजपा की जीत में मदद करने के लिए नरेश मीणा के निर्दलीय उम्मीदवार लड़ने के पीछे भी किरोड़ी लाल का हाथ है. किरोड़ी लाल के छोटे भाई जगमोहन मीणा पड़ोसी दौसा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जहां भाजपा के दिग्गज की प्रतिष्ठा दांव पर है…किरोड़ी लाल का राजस्थान के उपचुनाव बड़ा दांव है क्योंकि उन्होंने घोषणा की थी कि अगर भाजपा राजस्थान के पूर्वी क्षेत्र में अपने गढ़ में नहीं जीतती है तो वे कार्यभार नहीं संभालेंगे.”
कांग्रेस के बागी नरेश मीणा किरोड़ी लाल मीणा की मदद कर रहे हैं या नहीं, यह तो 23 नवंबर को नतीजे आने के बाद ही पता चलेगा, लेकिन नरेश मीणा अब भी किरोड़ी लाल पर उम्मीद लगाए बैठे है ।