बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने आज सुबह श्रीनाथजी मंदिर में मंगला झांकी के दर्शन किए। दर्शन के बाद मंदिर परंपरानुसार उपरना एवं रजाई ओड़ा कर, प्रसाद भेट कर उनका स्वागत किया गया। इस दौरान उनके साथ प्रसिद्ध कथा वाचक इंद्रेश महाराज भी थे।
धीरेंद्र शास्त्री आज सुबह श्रीनाथजी मंदिर के प्रीतम पोल दरवाजे से मंदिर पहुंचे और दर्शन किए इसके बाद वो महाप्रभु जी की बैठक पहुंचे जहां उनका स्वागत किया गया, यहां उन्होंने मंदिर के तिलकायत पुत्र विशाल बावा से मोबाइल पर वार्ता कर आशीर्वाद प्राप्त किया। बाद में वो मंदिर के मोती महल दरवाजे से पुनः भीलवाड़ा की और प्रस्थान कर गए।
इस अवसर पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि देश अन्य देशों के मुकाबले में और प्रगति करें। इसके रास्ते प्रतिदिन खोले जाएं। वो तभी होगा जब एक होंगे, भेदभाव मिटेगा, छुआछूत मिटेगी, जात पात मिटेगा, तभी यहां नए विचार, नए संकल्प यहां पर संगठित होंगे। नए विचारों के साथ नए कार्य प्रारंभ होंगे। निश्चित रूप से आर्थिक रूप से राजनीतिक रूप से, धार्मिक रूप से भारत देश समृद्ध बनेगा विश्व गुरू पुनः स्थापित होगा।
उन्होंने कहा कि धर्म से राजनीति चलती है लेकिन राजनीति से धर्म नही चलता है। वो इस बात के भी खिलाफ है कि धर्म का उपयोग राजनीति वोट बैंक के लिए किया जाए ये सबसे बड़ा अपराध है। धर्म स्वतंत्र है, धारणा का विषय है, प्राचीन परम्पराओं को जीवंत रखने का विषय है। वे धर्म गुरू नही बल्कि धर्म के सिपाही है।