आबकारी नीति में गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सुप्रीम कोर्ट में जमानत के मामले में सेंट्रल जांच एजेंसी सीबीआई ने अपना जवाबी हलफनामा दाखिल किया है. जिसमें सीबीआई ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत दिए जाने का विरोध किया है. सीबीआई ने केजरीवाल को पूरे मामले का मास्टर माइंड बताया है । सीबीआई ने कहा है कि बिना आबकारी विभाग के मंत्री रहते हुए भी पूरे घोटाले की योजना बनाने वाले यही हैं. उनको इस घोटाले का सब कुछ पता था क्योंकि सारे फैसले उनकी सहमति और निर्देशन में ही हुए है …
दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल की याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि “यह नहीं कहा जा सकता है कि याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी बिना किसी उचित कारण के थी या अवैध थी.” हाईकोर्ट ने अपने आदेश में निचली अदालत द्वारा केजरीवाल को गिरफ्तार करने और हिरासत में भेजने की अनुमति को उचित ठहराया था. जिसके लिए प्रक्रिया का विधिवत पालन किया गया.”
दरअसल केजरीवाल द्वारा इलाज के नाम पर जमानत याचिका दायर की हुई है जिस पर सीबीआई ने कहा कि जहां तक मेडिकल ग्राऊंड पर अंतरिम जमानत के दावे का सवाल है, तो बीमारियों के संबंध में, जेल नियमों और मैनुअल के अनुसार तिहाड़ जेल अस्पताल या उसके किसी भी रेफरल अस्पताल में इलाज किया जा सकता है. याचिकाकर्ता द्वारा मेडिकल जमानत पर रिहा किए जाने का कोई मामला नहीं बनता है, जिसे केवल तभी दिया जाना चाहिए जब जेल में इलाज संभव न हो. केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच आज 23 अगस्त को सुनवाई कर रही है . सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान 14 अगस्त को सीबीआई को नोटिस जारी कर अरविंद केजरीवाल की अर्जी पर जवाब मांगा था…
इस पूरे मामले पर कोर्ट गंभीरता से काम कर रहा है संभवत जल्द ही केजरीवाल की जमानत पर कोई निर्णय आ सकता है वैसे भी पिछले चुनावों में आम आदमी पार्टी के मुखिया और मुख्यमंत्री के नाते उन्हें चुनावों में प्रचार के लिए जमानत मिली थी उम्मीद है अगर केजरीवाल को इलाज के नाम पर राहत नहीं मिलती है तो आगामी दिनों में होने वाले विधानसभा चुनावों के प्रचार के लिए फिर जमानत याचिका लगाई जा सकती है ।