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प्रदेश की महिला शक्ति की उड़ान योजना को विफल बनाने का षड़यंत्र : जूली

जूली ने कहा कि पिछले कांग्रेस शासन में 19 नवंबर 2021 को प्रदेश में महिलाओं को नि:शुल्क सैनेटरी नैपकिन उपलब्ध कराने के लिए ‘ उड़ान योजना ‘ लागू की गयी थी। यह योजना काली बाई भील महिला संबल योजना के अंतर्गत संचालित थी। दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग की लाखों गरीब महिलाओं और बालिकाओं के बेहतर स्वास्थ्य और स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता के ध्येय से महिला एवं बाल विकास विभाग इस योजना का क्रियान्वयन कर रहा था। ये सैनेटरी नैपकिन राजस्थान चिकित्सा सेवा निगम ( आरएमएससीएल) द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग को वितरण के लिए उपलब्ध कराये जा रहे थे। जिन्हें आंगनबाडी केन्द्रों और स्कूलों के जरिए नि:शुल्क वितरित किया जा रहा था। कांग्रेस शासन में इस योजना का प्रभावी क्रियान्वयन एक मिसाल बना।

जूली ने कहा कि प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद दूसरी जनकल्याणकारी योजनाओं की तरह इस योजना की भी उपेक्षा हुई है। राज्य सरकार की उदासीनता की वजह से ये सैनेटरी नैपकिन जरूरतमंद महिलाओं तक पहुंचने की बजाय दूसरे राज्यों में कालाबाजारी के लिए भेजे जाने लगे। इस साल मई महीने में जोधपुर में पुलिस ने एक ट्रक की जांच में एक लाख सत्तर हजार सैनेटरी नैपकिन बरामद किये। जो उड़ान योजना के अंतर्गत जारी हुए थे लेकिन वे कालाबाजारी के जरिए बेचने के लिए दिल्ली भेजे जा रहे थे। इस मामले के सुर्खियों में आने के बाद भी राज्य सरकार नहीं चेती और मुख्यमंत्री ने उड़ान योजना की कोई समीक्षा नहीं की।

जूली ने कहा कि अब आरएमएससीएल वित्तीय वर्ष 2024-25 के शेड्यूल -2 के तहत जुलाई से सितंबर 2024 के दौरान उड़ान योजना में सैनेटरी नैपकिन उपलब्ध कराने के प्रति उदासीन है। आरएमएससीेेएल की इस निष्क्रियता को लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग के उच्चाधिकारी लगातार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों को पत्र लिख रहे हैं। इसके बावजूद स्थिति ढ़ाक के तीन पात की बनी हुई है। इसलिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा स्पष्ट करें कि उड़ान योजना को लेकर उनका नजरिया क्या है। क्या उनकी सरकार नहीं चाहती कि प्रदेश की गरीब, दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग की महिलाओं का स्वास्थ्य बेहतर रहे।

राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा है कि राज्य सरकार महिलाओं को उड़ान योजना के अंतर्गत नि:शुल्क सैनेटरी नैपकिन उपलब्ध कराने के प्रति गंभीर नहीं है। सरकारी विभागों में इस योजना को लेकर समन्वय का अभाव बना हुआ है। एक विभाग की दूसरा विभाग सुन नहीं रहा है। इस वजह से प्रदेश में दलित,आदिवासी, पिछड़े वर्ग की लाखों महिलाओं को सैनेटरी नैपकिन उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कमजोर नेतृत्व की वजह से जनकल्याणकारी और सामाजिक सरोकारों से जुड़े कार्यक्रमों का बंटाधार हो रहा है। जूली ने कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि उड़ान योजना को विफल बनाने का षड़यंत्र रचा जा रहा है। इसलिए मुख्यमंत्री को इस मामले में तत्काल संज्ञान लेना चाहिए। मुख्यमंत्री यदि इतने संवेदनशील मुद्दे पर उदासीन बने रहते हैं तो यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण होगा।

जूली ने कहा कि पिछले कांग्रेस शासन में 19 नवंबर 2021 को प्रदेश में महिलाओं को नि:शुल्क सैनेटरी नैपकिन उपलब्ध कराने के लिए ‘ उड़ान योजना ‘ लागू की गयी थी। यह योजना काली बाई भील महिला संबल योजना के अंतर्गत संचालित थी। दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग की लाखों गरीब महिलाओं और बालिकाओं के बेहतर स्वास्थ्य और स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता के ध्येय से महिला एवं बाल विकास विभाग इस योजना का क्रियान्वयन कर रहा था। ये सैनेटरी नैपकिन राजस्थान चिकित्सा सेवा निगम ( आरएमएससीएल) द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग को वितरण के लिए उपलब्ध कराये जा रहे थे। जिन्हें आंगनबाडी केन्द्रों और स्कूलों के जरिए नि:शुल्क वितरित किया जा रहा था। कांग्रेस शासन में इस योजना का प्रभावी क्रियान्वयन एक मिसाल बना।

जूली ने कहा कि प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद दूसरी जनकल्याणकारी योजनाओं की तरह इस योजना की भी उपेक्षा हुई है। राज्य सरकार की उदासीनता की वजह से ये सैनेटरी नैपकिन जरूरतमंद महिलाओं तक पहुंचने की बजाय दूसरे राज्यों में कालाबाजारी के लिए भेजे जाने लगे। इस साल मई महीने में जोधपुर में पुलिस ने एक ट्रक की जांच में एक लाख सत्तर हजार सैनेटरी नैपकिन बरामद किये। जो उड़ान योजना के अंतर्गत जारी हुए थे लेकिन वे कालाबाजारी के जरिए बेचने के लिए दिल्ली भेजे जा रहे थे। इस मामले के सुर्खियों में आने के बाद भी राज्य सरकार नहीं चेती और मुख्यमंत्री ने उड़ान योजना की कोई समीक्षा नहीं की।

जूली ने कहा कि अब आरएमएससीएल वित्तीय वर्ष 2024-25 के शेड्यूल -2 के तहत जुलाई से सितंबर 2024 के दौरान उड़ान योजना में सैनेटरी नैपकिन उपलब्ध कराने के प्रति उदासीन है। आरएमएससीेेएल की इस निष्क्रियता को लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग के उच्चाधिकारी लगातार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों को पत्र लिख रहे हैं। इसके बावजूद स्थिति ढ़ाक के तीन पात की बनी हुई है। इसलिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा स्पष्ट करें कि उड़ान योजना को लेकर उनका नजरिया क्या है। क्या उनकी सरकार नहीं चाहती कि प्रदेश की गरीब, दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग की महिलाओं का स्वास्थ्य बेहतर रहे।

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