गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की ‘माया मैडम’ अब पुलिस के शिकंजे में है यह लेडी डॉन लॉरेंस के गुर्गों को हथियार और पैसों का इंतजाम करती थी , जानिए कौन है यह लेडी डॉन जो अब पुलिस के शिकंजे में है ।
जयपुर पुलिस ने कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की महिला सदस्य सीमा मल्होत्रा उर्फ रेणु उर्फ माया को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है , माया गैंग के सदस्यों से जेल में भी संपर्क रखती थीं , वह किसी भी वारदात से पहले गैंग के गुर्गों को हथियार और फरारी के लिए रकम का प्रबंध भी करती थीं।
देश के कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की गैंग में नौजवान और नाबालिग तो हैं ही लेकिन अब चौंकाने वाला खुलासा यह हुआ है कि इस गैंग में महिलाएं भी शामिल है। गैंग की यह पहली महिला सदस्य जयपुर पुलिस के हत्थे चढी है। लॉरेंस बिश्नोई गैंग में इसे माया मैडम के नाम से जानते हैं जिसकी उम्र करीब 50 वर्ष है , बताया जा रहा है माया सैक्टर 8, द्वारका, नई दिल्ली की रहने वाली है। इसका एक और ठिकाना नई दिल्ली में ही सुभाष नगर गली नंबर 8 में शिव मंदिर के पास भी बताया गया है।
अब तक सामने आया कि माया गैंगस्टर के सीधे संपर्क में रहती थी , माया को पिछले दिनों जयपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया था , फिलहाल वह पुलिस की रिमांड पर है।
पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने बताया कि मैडम माया पिछले कई महीनों से इस गैंग से जुड़ी है। वह लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सक्रिय सदस्य रोहित गोदारा, संपत नेहरा, शुभम उर्फ बिगनी, राजेंद्र उर्फ जोकर और गोल्डी बराड़ जैसे बदमाशों के सीधे संपर्क में थी। रोहित गोदारा और गोल्डी बराड़ विदेश में छिपे हुए हैं जबकि संपत नेहरा सहित अन्य बदमाश अलग अलग जेलों में बंद है। मैडम माया इन बदमाशों के अलावा अन्य गुर्गों के भी संपर्क में रहती थी ,
डीसीपी नॉर्थ राशि डूडी डोगरा का कहना है कि मैडम माया से पूछताछ में कई खुलासे हुए हैं। पुछताछ में पता चला है कि गैंग के जो सदस्य जेल में बंद हैं। उनसे मिलने का काम मैडम माया के पास था। वह अलग अलग जेलों में जाकर गैंग के सदस्यों से मिलती थी। जेल में कपड़े पहुंचाने, कैंटीन में रुपए भेजने और अन्य सुविधाएं देने के साथ जमानत के दस्तावेज तैयार करने के लिए वकीलों से बात करने का काम भी माया मैडम के पास था। हथियार कहां से लाना है, किसे सप्लाई करना है और रकम कहां पहुंचानी है। यह काम भी मैडम माया ही करती थी। गुर्गों से यह बड़े कारोबारियों, सट्टेबाजों, फिल्म स्टार जैसे लोगों के मोबाइल नंबर प्राप्त करती और फिर ये नंबर रोहित गोदारा और विक्रम बराड़ को देती थी ताकि अगला टारगेट तय हो सके। दिए गए टारगेट को गुर्गों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी मैडम माया के पास ही थी।
वही एडिशनल डीसीपी बजरंग सिंह शेखावत बताते हैं कि सब इंस्पेक्टर हरिओम की टीम ने मैडम माया को दिल्ली से गिरफ्तार किया था। जांच में पता चला कि गैंगस्टर्स द्वारा जिन कारोबारियों से फिरौती की रकम प्राप्त होती थी। उसका हिसाब मैडम माया ही रखती थी। जो कारोबारी फिरौती नहीं देते, उन पर फायरिंग करवाने और आगे का टास्क भी माया ही देती थी। पहले माया के पास बठिंडा जेल में बंद लॉरेंस का कॉल आ जाता था लेकिन जब कॉल आने बंद हुए तो वह जेल पहुंच जाती और आगामी टास्क तय करके आती थी। फिलहाल मैडम माया रिमांड पर है।