Loading...

Stvnews Online

#क्राइम न्यूज़ #देश-दुनिया #पॉलिटिक्स #राजस्थान #राज्य #रियलस्टेट

पार्किंग के लिए स्वीकृत बेसमेंट का हो रहा है व्यवसायिक उपयोग…#nagarnigam #alwar #delhi #crime

आप को लगता होगा हम आजकल लगातार नेगेटिव खबरे क्यों चला रहे है , इसकी वजह सिर्फ इतनी है की चंद लोगो द्वारा न सिर्फ नियम कायदों की धज्जियां उड़ाई जा रही है बल्कि कई हादसे जानलेवा भी साबित हो रहे हैं इनकी वजह में शामिल कुछ अफसर कुछ नेता भी होते है जिनके संरक्षण में यह खेल चलता है , आज जिस घटना का हम जिक्र कर रहे है वह आप सबने सुनी होगी जिसमे दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में राव आईएएस स्टडी सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से बड़ा हादसा हो गया. कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में भरे पानी में डूबने से दो छात्राओं और एक छात्र की मौत भी हो गई है. अब इस हादसे का जिम्मेदार कोन है इस पर एक बहस छिड़ गई है । लेकिन क्या बेसमेंट का इस्तेमाल कमर्शियल किया जा सकता है इस पर बात करेंगे साथ ही इस तरह के हादसे कैसे रुकेंगे इस पर बात करने से पहले आपको अलवर शहर की भी एक तस्वीर दिखाते है जहा अधिकांश अंडर ग्राउंड जो नक्शे में पार्किंग के लिए पास है उसमे या तो कमर्शियल एक्टिविटी की जा रही है या उसे भी बेच दिया गया है ।

पहले बात दिल्ली की कर लेते है जहां यह बड़ा हादसा हुआ , जांच में सामने आया है कि ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित राव इंस्टीट्यूट जहां बेसमेंट में लाइब्रेरी थी. लाइब्रेरी में लगभग 30 से 35 बच्चे थे जो यूपीएससी की तैयारी करने के लिए बेसमेंट में चल रहे इस संस्थान में आते है ,शनिवार शाम करीब सात बजे आई तेज बारिश के बाद ड्रेनेज पाइप के फटने से तेज गति से बेसमेंट में पानी भरने लगा छात्र छात्राएं बेंच पर खड़े हो गए लेकिन देखते देखते बेसमेंट पानी से लबालब हो गए बच्चो को अपनी जान बचाना भारी पड़ गया , जिसमे देर रात तक चले रेस्क्यू में दो छात्राओं और एक छात्र के शव निकाले जा चुके थे । सवाल सिस्टम पर उठना लाजमी है आखिर इस घटना जिम्मेदार कोन क्या प्रशासनिक अधिकारियों की अनदेखी से यह हादसे होते रहेंगे , हालांकि बेसमेंट में चल रही व्यवसायिक गतिविधियां लगभग हर शहर में देखी जा सकती है जहां इस तरह की आशंकाएं बनी हुई है ।

बात अब राजस्थान के अलवर की कर लेते है यहां भी बारिश के मौसम में पानी से पूरा शहर लबालब हो जाता है यहां न सिवरेज और ड्रेनेज सिस्टम व्यवस्थित है न ही नालों में सफाई सही तरीके से हो पा रही है जबकि अलवर में हर साल सफाई के नाम पर 20 करोड़ रु से ज्यादा खर्च किया जा रहा है खैर यह अलग विषय है इस पर अगले बुलेटिन में विस्तार से चर्चा करेंगे की किस तरह यहां पार्षदों से लेकर बड़े बड़े लोगो का ठेको में गठजोड़ चल रहा है फिलहाल हम बात कर रहे थे अलवर में निगम की स्वीकृति से बने बेसमेंट की , अलवर शहर में ऐसे सैकड़ों बड़ी बड़ी बिल्डिंग्स बनी हुई है जिसमे कई आवासीय सोसायटी है , अनेकों कमर्शियल बिल्डिंग्स है , इन्होंने अपने नक्शे निगम से पास भी कराए है , जिसमे निगम द्वारा बेसमेंट में पार्किंग रखने के लिए स्वीकृति दी जाती है ताकि शहर में सड़को पर पार्किंग से यातायात व्यवस्था न बिगड़े लेकिन अधिकांश लोगों ने अपने अपने बेसमेंट को या तो व्यवसायिक इस्तेमाल करते हुए किराए पर दे दिए इतना ही नहीं कुछ लोग ऐसे भी है जिन्होंने बेसमेंट को ही बेंच ही डाला , जहा धडल्ले से पार्किंग की जगह कमर्शियल गतिविधियां चल रही है । ऐसे में अगर कोई दिल्ली जैसी घटना की पुनरावृत्ति अलवर में होती है तो जिम्मेदार कोन होगा , सवाल है निगम प्रशासन क्या किसी हादसे के इंतजार में बैठा है इस दिशा में समय रहते कार्यवाही क्यो नही होती यह सिस्टम से हमारा सवाल है ।

दरअसल यह जितने भी मॉल्स , आवासीय सोसायटी , कमर्शियल बिल्डिंग , निजी अस्पताल , कोचिंग संस्थान है यह किसी आम आदमी के तो होंगे नही यह आप और हम भली भांति जानते है ,यह सब शहर के नामी धन्ना सेठों के व्यवसायिक प्रतिष्ठान है जिन पर कार्यवाही तो दूर की बात है निगम शायद इन्हें नोटिस तक नहीं भेजता , वरना जब हम और आपको नजर आता है अधिकाश अस्पतालों की बड़ी बड़ी बिल्डिंगो के बाहर पार्किंग लगी है वाहन की लाइन लगी है कमोबेश अधिकांश कमर्शियल बिल्डिंगों में यही हालात आपको नजर आ जायेंगे , वैसे भी अलवर की जनता को पार्किंग के नाम पर कभी प्रशासन ने तो कभी जनप्रतिनिधियों ने बेवकूफ बनाया है , अलवर मुख्य बाजार होपसर्कस बाजजा बाजार , पंसारी बाजार ,घंटाघर ,पुरानी सब्जी मंडी की तरफ आने वाले लोगो को पार्किंग का बड़ा सामना करना पड़ता है हालांकि निगम की एक पार्किंग तांगा स्टेंड पर संचालित है लेकिन यहां न्यूतेज टाकीज की जमीन को जब नीलाम किया गया था तब यह बताया गया था यहां दो फ्लोर पार्किंग आमजन के लिए रखी जाएंगी , तब दुकादारो को उम्मीद जगी थी जो बाजार आज खत्म होते जा रहे है उन्हे व्यापार बढ़ने की उम्मीद जगी थी , लेकिन वह सब तो दूर की बात आश्चर्य इस बात का है यहां दुकानदारों ने आगे रेलिंग लगाकर आगे की जमीन पर कब्जा कर लिया इतना ही नहीं पार्किंग से बाहर निकलने वाले रास्ते पर भी अतिक्रमण कर लिया गया , इसके साथ ही एक प्रस्ताव तांगा स्टेंड पर पार्किंग के लिए भी बना , कंपनी बाग में भी पार्किंग के प्रस्ताव बने लेकिन उन्हें अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका ।

लोगो को अब एक उम्मीद है अलवर शहर से पहली बार किसी विधायक को मंत्री पद मिला है , पहली बार कोई बड़ा नेता अलवर से सांसद बना है निगम में सभापति भी आपके , जिला प्रमुख भी आपके है , प्रदेश में डबल इंजिन की सरकार है जनता का मानना है अगर अलवर शहर सहित जिले का अब भी विकास नहीं होगा तो कभी भी नही होगा । उम्मीद है हमारे जन प्रतिनिधि और जिला प्रशासन इन गंभीर विषयों पर संज्ञान लेकर कुछ अच्छा निर्णय करेंगे

1

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *