आगामी कुछ माह बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने वाले है प्रमुख राजनैतिक दलों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है , हालांकि पिछले दस सालो से यहां भाजपा की सरकार है जिसमे मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बनाया गया , लेकिन 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले खट्टर को मुख्यमंत्री पद से हटा कर उन्हे करनाल से लोकसभा का टिकिट देकर चुनाव लड़ाया गया , खट्टर चुनाव जीते और सांसद बने उनकी जगह नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बना दिया गया । दरअसल भाजपा चुनाव से पहले सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी को दूर करने के साथ जातीय समीकरण साधने के लिए यह फैसला लेना बताया गया ।
लेकिन इस बार भाजपा के सामने कांग्रेस भी मजबूती से उतरने को तैयारी में है भले ही अंदरूनी कलह यहां भी पूरी है पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ कई बड़े नेताओं ने खुलकर विरोध किया है यहां तक कि कांग्रेस से इस्तीफा देने के पीछे किरण चौधरी ने आरोप लगाया कि हरियाणा कांग्रेस एक आदमी की पार्टी बन गई है. उन्होंने बिना नाम लिए हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की ओर इशारा किया. पार्टी को व्यक्तिगत जागीर के रूप में चलाया जा रहा है. मेरे जैसे ईमानदार लोगों की पार्टी में कोई जगह नहीं है. उधर कांग्रेस नेत्री शैलजा भी खुलकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी उदयभान सिंह पर सवाल उठा चुकी हैं। सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा हरियाणा मांगे हिसाब अभियान चला रहे हैं तो दूसरी ओर सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा भी 27 जुलाई से कांग्रेस संदेश यात्रा निकालने जा रही हैं । इस अंदरूनी लड़ाई से जरूर कांग्रेस को नुकसान हो सकता है ।
वही आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल फिलहाल जेल में है लेकिन उनकी पत्नी सुनीता सहित पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ,सांसद संजय सिंह , डॉक्टर संदीप पाठक अपनी पूरी तैयारी में जुट गए है ऐसा माना जा रहा है यहा भी कांग्रेस और आप में कोई गठबंधन नहीं होगा आम आदमी पार्टी अपने दम पर चुनाव लडेगी ।
इसके अलावा ओम प्रकाश चौटाला और देवीलाल परिवार से जुड़ी स्थानीय पार्टियां भी अपनी अपनी तैयारी में जुटी है ।
लेकिन ऐसा माना जा रहा है इस बार हरियाणा में चुनाव कांटे की टक्कर का होगा ।
हरियाणा में विधानसभा की 90 सीटें हैं और अक्टूबर में विधानसभा के चुनाव हो सकते हैं। अगर बात 2014 के विधानसभा चुनावों की करे तो यहां भाजपा को 47 और कांग्रेस को 15 सीट मिली थी ,उसके बाद 2819 भाजपा को सात सीटों का नुकसान हुआ और 40 सीट मिल पाई वही कांग्रेस को 31 सीट मिली हालांकि भाजपा दूसरी बार अपनी सरकार बनाने में कामयाब रही । इससे भाजपा का गिरता जनाधार नजर आने लगा क्योंकि लोकसभा चुनावों में 2014 में जहां भाजपा के पास सीटे थी वही कांग्रेस के पास एक थी उसके बाद 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने सभी दस सीटों पर कब्जा कर लिया लेकिन 2024 में भाजपा को बड़ा झटका लगा क्योंकि भाजपा को सिर्फ 5 सीट ही मिल पाई वही कांग्रेस ने भी 5 सीटों पर कब्जा किया , इन परिणामों ने भाजपा खेमे की नींद उड़ा रखी है तो वही कांग्रेस पूरे उत्साह में है ।