भोपाल में एक कार्यवाही के दौरान एक कार से 54 किलो सोना और दस करोड़ नकद मिलने की खबर सुनकर हर कोई हैरान हो गया था अब इसमें और भी चौंकाने वाली खबर सामने आई है अब जांच में एक सीक्रेट डायरी हाथ लगी है. इसमें 100 करोड़ रुपये से अधिक के घूसखोरी का लेखा जोखा मिला है. इस लेनदेन में कई परिवहन विभाग के अधिकारियों और नेताओं के कैरियर खतरे में आ सकता है अगर इसकी जांच निष्पक्ष तरीके से हो पाए , अभी आपको पूरी खबर बताते है वह सौरभ नाम का शख्स कौन है जो नौकरी तो परिवहन विभाग में एक मामूली कांस्टेबल की करता था , आखिर यह अकूत संपति उसके पास कहा से आई ।
मध्यप्रदेश के भोपाल में परिवहन विभाग के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा से बेहिसाब संपत्ति मिलने के बाद जांच एजेंसियों ने उस पर शिकंजा कस दिया है। शिंकजा कसने के लिए राज्य से लेकर केंद्र तक 4 जांच एजेंसियां इसमें सक्रिय हो गई हैं। इस मामले में सौरभ शर्मा के घर से बेहिसाब संपत्ति और कार से 54 किलो सोना और 10 करोड़ नकदी मिली है, इसके बाद से प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) की भी इसमें एंट्री हो गई है। ईडी ने मामले की जांच करते हुए सौरभ शर्मा के साथ-साथ उसके दोस्त चेतन के खिलाफ भी मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। सौरभ शर्मा ग्वालियर के रहने वाले हैं। मेंडोरी के जंगल में चेतन सिंह गौर की इनोवा कार में 10 करोड़ कैश और 52 किलो गोल्ड और मिला था इतना ही नहीं अब जांच में एक ऐसी डायरी भी हाथ लगी है जिसमें 100 करोड़ से ज्यादा का भ्रष्टाचारियों का लेखा जोखा है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इसमें कई विभागों के अधिकारी और जनप्रतिनिधि शामिल है , फिलहाल ईडी सहित अन्य जांच एजेंसियां जांच में जुटी है और सौरभ के लिए लुकआउट नोटिस जारी कर दिया गया है ।
आपको बता दे 19 दिसंबर रात को आयकर विभाग को खबर मिली थी कि भोपाल के मेंडोरी गांव में एक इनोवा गाड़ी लावारिस खड़ी है जिसपर तुरंत टीम ने मौके पर पहुंच कर गाड़ी की तलाशी ली तो टीम की आंखे फटी रह गईं। यहां सोना व नकदी गाड़ी में भरा पड़ा मिला।
यह कार चेतन सिंह के नाम पर रजिस्टर्ड होने के बाद यह पक्का हो गया कि सौरभ शर्मा का करीबी चेतन ही यह कार लेकर माल को छिपाने के लिए ले जा रहा होगा फिलहाल अभी इस मामले में जांच चल रही है ।
मध्य प्रदेश में परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के खिलाफ आयकर विभाग ने पूर्व में भी छापा मारा था. छापेमारी के दौरान सौरभ शर्मा की करोड़ों की अवैध संपत्तियों के बारे में अधिकारियों को पता चला. सौरभ फिलहाल दुबई में छिपा है , सौरभ शर्मा मूल रूप से ग्वालियर के रहने वाला है. सौरभ ने साल 2015 में अनुकंपा नियुक्ति के माध्यम से पुलिस सेवा में कदम रखा था. उसने केवल दो साल पहले ही आरटीओ (क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय) में आरक्षक के पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ली थी. सौरभ ने कुल मिलाकर सात साल नौकरी की.
वीआरएस लेने के बाद सौरभ शर्मा ने रियल एस्टेट का कारोबार शुरू किया और प्रदेश के प्रभावशाली लोगों से करीबी संबंध बना लिए, जिससे उसका रियल एस्टेट का कारोबार तेजी से बढ़ने लगा. छापेमारी के दौरान अधिकारियों को सौरभ के घर से 4 लग्जरी गाड़ियां भी मिलीं, जो उसकी बढ़ती संपत्ति का संकेत देती हैं…अभी जांच में कई खुलासे होने के संकेत है ।